Author: अरुण कुमार त्रिपाठी
गांधी के शिल्प में समाजवाद
यह कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए कि भारत का समाजवादी आंदोलन कार्ल मार्क्स के चिंतन और अंतरराष्ट्रीय कम्युनिस्ट आंदोलन से प्रभावित रहा है। [more…]
चौहत्तर जैसा आंदोलन क्यों नहीं करती कांग्रेस?
वैसे तो यह स्तंभकार किसी को सलाह देता नहीं क्योंकि उसकी सलाह लेने को कोई तैयार नहीं होता। खासकर राजनीतिक दल जिनका अहम सातवें आसमान [more…]
आखिर कब तक चुनाव हारता रहेगा आम आदमी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की पराजय के बाद जितनी खुशी भारतीय जनता पार्टी के भीतर है उससे कहीं ज्यादा खुशी इंडिया (इंडियन [more…]
पुस्तक समीक्षा: समतावादी आंदोलनों को नई ऊर्जा देने की कोशिश
हमारी सभ्यता अपनी कालगणना में जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे समता, स्वतंत्रता और बंधुत्व का विमर्श पीछे छूटता जा रहा है। साथ ही छूटता [more…]
ज्ञान और नैतिकता की परिभाषा थे नरेंद्र देव
आज आचार्य नरेंद्र देव की जयंती है। उन्हें पिछली पीढ़ी 1948 में अयोध्या में विधानसभा चुनाव हरवा कर भुला चुकी है और नई पीढ़ी जब [more…]
पुस्तक समीक्षा: नीला कॉर्नफ्लावर; एक विद्रोही रचना की आग
आदिवासी मामलों के विशेषज्ञ और अनुसूचित जाति और जनजाति आयुक्त रहे डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा बस्तर के आदिवासियों को समझाया करते थे कि अगर कोई लेखपाल [more…]
अनैतिक और आधी अधूरी दुनिया का हास्यास्पद हश्र
हिंसक, अनैतिक और आधी अधूरी दुनिया में इसी तरह का शर्मनाक और हास्यास्पद नाटक चलेगा जैसा कि इस वक्त भारत, अमेरिका और कनाडा के बीच [more…]
लोकतंत्रः जाति के लिए, जाति के द्वारा और जाति का
अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने उन्नीसवीं सदी में लोकतंत्र को परिभाषित करते हुए कहा था, “लोकतंत्र का मतलब जनता के लिए, जनता के द्वारा और [more…]
दो हजार साल पुराने जनतंत्र की डालें और पत्तियां सूख क्यों रही हैं?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जुलाई 2023 को जिस समय एअर इंडिया वन के विमान से फ्रांस में उतर रहे थे उसी समय उसी [more…]
मारकर भी गांधी से क्यों डरते हैं हत्यारे?
गांधी ने किसी की हत्या नहीं की। गांधी ने किसी पर लाठी चार्ज नहीं करवाया। उन्होंने आंदोलनकारी विद्यार्थियों को हास्टल और लाज में घुसकर पिटवाया [more…]