Saturday, April 27, 2024

बादल सरोज

दो फैसले, एक सजा और एक पैरोल 

गुजरा सप्ताह भारत की न्यायिक प्रणाली के लिए ख़ास रहा। छुट्टी के दिन सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह ने एक प्रस्थापना दी कि;  "दिमाग ही सारे झगड़े की जड़ है, इसलिए भले हाईकोर्ट द्वारा रिहा किया गया...

गौतम तो बहाना हैं डॉ. अम्बेडकर पर निशाना है

दिल्ली सरकार के एक दलित मंत्री का इस्तीफा सिर्फ दिल्ली तक सीमित घटना नहीं है। इसके लिए जो आधार गढ़ा गया है और मंत्री को इस्तीफ़े के लिए मजबूर करके इस आधार को जिस तरह प्रामाणिकता और स्वीकार्यता देने...

“तुम इतना जो बहका रहे हो ; क्या जुर्म है जिसको छुपा रहे हो।”

एक ही समय में कई कई जुबानों से बोलने में सिद्धहस्त आरएसएस की तरफ से अब एक और शिगूफा उछाला गया है। इसे अचानक देश की गरीबी और बढ़ती असमानता और बेरोजगारी पर फ़िक्र होने लगी है। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले...

भागवत की मस्जिद यात्रा से किसी को आरएसएस को लेकर भ्रम में नहीं रहना चाहिए

दस साल पहले की, 20 अगस्त 2012 की बात है। ईद का त्यौहार था।  आरएसएस के पांचवें सरसंघचालक, जो तब तक भूतपूर्व हो चुके थे और भोपाल में रहा करते थे, अचानक सुबह के वक़्त ईद की नमाज पढ़ने...

बेहूदे समय के त्रासद प्रहसन: डकैत रमेश सिकरवार बना चीता मित्रों का महानायक

चीता पुराण को लेकर चले मंथन की सबसे चटख खबर है डाकू रमेश सिकरवार का चीता मित्र के रूप में नायक बनकर सामने आना। मध्यप्रदेश सरकार ने उसे चीता मित्र बनाया है। नामीबियाई चीतों और बर्थडे बॉय मोदी जी...

आरएसएस के प्रति ममता के ममत्व पर हैरत क्यों? इसमें नया क्या है?

ममता बनर्जी के आरएसएस प्रेम में पगे उद्गारों को पढ़ सुनकर जिन्हें आश्चर्य हुआ है उन्हें थोड़ा सा बड़ा होने की सायास कोशिशें करनी चाहिए। रोटी को हप्पा पानी को पप्पा और बाकी सबको अप्पा चप्पा कहने की बचकानी...

और अब नितिन गडकरी, जिसने जुबां चलाई वही काम से गया

इन दिनों केंद्रीय मंत्री और खांटी नागपुरिये नितिन गडकरी बहुतई भड़भड़ाये हुए हैं। धड़ाधड़ ट्वीट पर ट्वीट कर बिलबिला रहे हैं कि "कुछ लोगों द्वारा दुष्ट राजनीतिक इरादों से उनके खिलाफ कहानियां गढ़कर एक कुटिल अभियान चलाया जा रहा...

टी अंजैया की याद दिलाते कातर शिवराज 

भाजपा में नेतृत्व की गिनती जहाँ समाप्त हो जाती है उस दो नंबर पर विराजे नेता अमित शाह की दो दिनी भोपाल यात्रा की प्रतीक दो तस्वीरें रहीं। एक तो जब तक वे रहे तब तक लगभग पूरे भोपाल के...

हिन्दू राष्ट्र का संविधान; निकलना भेड़ियों का अपनी मांद से 

इधर दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से मोदी अपने भाषण में डॉ अम्बेडकर का नाम ले रहे थे, महिलाओं को अवसर देने के लिए कलेजा चीर कर दिखा रहे थे, आने वाले 25 वर्ष को भारत के लिए...

लाल किले से 83 मिनट के भाषण का सार “खाया पीया कुछ नहीं, गिलास फोड़ा आठ आने”

सरोज जी- जन कवि मुकुट बिहारी सरोज- की एक कविता की पंक्ति है; "शेष जिसमें कुछ नहीं ऐसी इबारत, ग्रन्थ के आकार में आने लगी है।” आज यदि वे इसे फिर से लिखते तो ग्रन्थ की जगह 83 मिनट के उस...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...