Tuesday, September 26, 2023

चंद्र प्रकाश झा

सीपी कमेंट्री: हो गया मोदी की मुसीबतों का आगाज़!

‘इंडिया दैट इज भारत‘ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस पद पर काबिज होने की 26 मई को सात बरस पूरे करते ही बड़ी तेजी से सामने आ रहे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम से उनके ‘अछे दिन‘ बुरे दिन...

राजीव गांधी की 30वीं बरसी पर विशेष: जब मुझे फिल्म के इंटरवल से पहले थियेटर से उठाया गया

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को लोक सभा चुनाव के बीचों-बीच तमिलनाडु में श्रीपेरंबदूर के पास कांग्रेस की चुनावी जनसभा में श्रीलंका के ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल इलम ‘ (लिट्टे) के आत्मघाती आतंकवादियों के हमले में...

श्रद्धांजलि: अपनी किताबों के साथ हमेशा जिंदा रहेंगे लाल बहादुर वर्मा

पापा नहीं रहे...( डॉ. लाल बहादुर वर्मा ) 17 मई, 2021 की भोर जगने के कुछ देर बाद कॉमरेड सत्यम वर्मा के एक लाइन के इस फेसबुक पोस्ट के पहले तीन शब्द पढ़ते ही सभी की तरह समझ गया कौन...

स्मृति शेष: शेषनारायण सिंह

सिरहाने 'मीर' के आहिस्ता बोलोअभी तकी रोते-रोते सो गया हैमीर तकी ‘मीर’ (1723 – 1810)अदब की दुनिया में 'ख़ुदा-ए-सुख़न’ यानि शायरी का ख़ुदा माने जाने वाले उर्दू के बड़े शायर ‘मीर’ यकीनन, सीनियर सहाफी शेषनारायण सिंह को नहीं जानते...

नहीं रहा इतिहासकारों का इतिहासकार

दिल्ली यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के पूर्व प्रोफ़ेसर डॉक्टर द्विजेंद्र नारायण झा यानी डीएन झा हमारे बीच नहीं रहे मगर इतिहास की लिखी उनकी पुस्तकें हमेशा रहेंगी। वर्ष 1940 में बिहार के मध्य वर्ग के एक परिवार में पैदा...

किसानों और मोदी सरकार के बीच तकरार के मायने

किसान संकट अचानक नहीं पैदा हुआ। यह दशकों से कृषि के प्रति सरकारों की उपेक्षा का नतीजा है। हम इस विशेष लेख माला में किसान मुद्दे पर 25 सितम्बर को आयोजित किये जा रहे भारत बंद के सिलसिले में...

साप्ताहिकी: बुलेट के बजाय जब बुलेटिन को दी भगत सिंह ने तरजीह

(हासिल करने के सत्तर साल बाद आज जब आज़ादी ख़तरे में है और देश की सत्ता में बैठी एक हुकूमत उसके सभी मूल्यों को ही ख़त्म करने पर आमादा है। ऐसे में आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लेने वाली...

साप्ताहिकी: ऐतिहासिक संदर्भों में लिंचिंग

४५८.क्व नूनं कद्वो अर्थं गन्ता दिवो न पृथिव्याः । क्व वो गावो न रण्यन्ति ॥२॥ ऋग्वेद संहिता, प्रथम मंडल सूक्त ३८ हे मरुतो आप कहां हैं? किस उद्देश्य से आप द्युलोक मे गमन करते हैं ? पृथ्वी में क्यों नही घूमते? आपकी...

साप्ताहिकी: निराशा के अंधकार में जल रहे हैं संभावनाओं के हजारों दिये

नागरिकता संशोधन अधिनियम (2019), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी ) और नेशनल रजिस्टर ऑफ पॉपुलेशन (एनआरपी ) का देशव्यापी विरोध शुरू होने के बाद कुछेक आह्लादकारी बातें उभरी हैं। एक तो यह कि भारतीय संविधान की किताबों की रिकॉर्ड खरीद...

साप्ताहिकी: उत्तर आधुनिक महाभारत के मायने, संदर्भ दिल्ली हिंसा

भारत के लोकतांत्रिक रूप से सर्वप्रथम निर्वाचित कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री, ईएमएस नम्बूदरिपाद की लिखी एक किताब याद आती है। किताब का शीर्षक है: क्राइसिस इन टू केओस। यह शीर्षक भारत के मौजूदा उन हालात में बिल्कुल सटीक लगता है जिनमें...

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शहीद-ए-आज़म भगत सिंह: नारा तब भी इंकलाब था- नारा आज भी इंकलाब है

'जो कोई भी कठिन श्रम से कोई चीज़ पैदा करता है, उसे यह बताने के लिए किसी खुदाई पैगाम...