लक्ष्मीबाई को श्रद्धांजलि देने से पहले ज्योतिरादित्य अपने पुरखों की करतूतों के लिए देश से माफी मांगें

अभी ट्विटर पर अचानक अंग्रेजों के सबसे वफादार व विश्वसनीय राजघराने के साहबजादे का एक ट्वीट देखकर सिर घूम गया।…

आक्सफैम ने किया भारत की विषमता को बेपर्दा

जिस देश में 16,091 व्यक्ति दिवालिया या कर्ज में डूबे होने के कारण तथा 9,140 व्यक्ति बेरोजगारी के दंश के…

भूख के पैमाने पर भारत फिसड्डी

दुनिया भर के देशों में भूख और पोषण का आकलन करने वाली ‘वैश्विक भूख सूचकांक’(Global Hunger Index- GHI)- 2021 जारी…

पीएम केयर्स फंड: सरकारी साधनों से इकट्ठा किए गए धन का आखिर निजी इस्तेमाल क्यों?

प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister’s Office) ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि ‘पीएम केयर्स’ भारत सरकार का फंड नहीं है। क्योंकि…

जाति जनगणना आखिर क्यों है जरूरी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व कद्दावर समाजवादी नेता लालू प्रसाद यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर एक ट्वीट किया जो…

विरोध को कुचलने का हथियार बन गयी है राजद्रोह की धारा 124ए

“प्रधानमंत्री आतंकी हमले और मौत का इस्तेमाल वोट के लिए कर रहे हैं”  यही वो बयान है जो वरिष्ठ पत्रकार…

‘भरोसे की प्रतीक’ एलआईसी अब किसके भरोसे?

सरकार की अयोग्यता और ख़राब आर्थिक नीतियों के कारण बेदम और बदहाल अर्थव्यवस्था अब बर्बादी की कब्रगाह बन चुकी है।…

प्रशांत भूषण अवमानना मामला: कहीं किसी दबाव में तो नहीं है सुप्रीम कोर्ट?

तारीख 12 जनवरी 2018 तो याद ही होगा …यह स्वतंत्र भारत के इतिहास का वह दिन है जब विशाल लोकतांत्रिक…

ख्वाबों के परवान चढ़ने से पहले ही धराशायी हो गए सचिन

एक कहावत है – “उसी के साहिल, उसी के कगारे, तलातुम में फंस कर जो दो हाथ मारे” कांग्रेस की…

विकास की गिरफ्तारी या फिर सत्ता के संरक्षण में पूर्व नियोजित सरेंडर?

लंबी लुका-छिपी के बाद विकास दुबे का पकड़ा जाना कानपुर पुलिस हत्याकांड का पटाक्षेप नहीं बल्कि अपराध-राजनीति-पुलिस गठजोड़ के ड्रामे…