Thursday, March 28, 2024

गोपाल प्रधान

धैर्य और साहस ही विजय बहादुर राय का धन था

आजमगढ़ के विजय बहादुर राय से मेरा परिचय उनकी पुत्री से विवाह के बाद हुआ। इस रिश्ते की जटिलता के भीतर और बाहर उनके साथ लम्बा सम्पर्क रहा। इसके चलते कभी कभी तनाव भी पैदा हुआ और प्रेम का...

नहीं रहे प्रख्यात आलोचक मैनेजर पांडेय

 (प्रख्यात आलोचक और साहित्यकार मैनेजर पांडेय का निधन हो गया है। वह 81 वर्ष के थे। उनके जाने की खबर से साहित्य की दुनिया में शोक की लहर फैल गयी है।  गोपालगंज (बिहार) जिले के गाँव ‘लोहटी’ में जन्मे...

आंदोलन और लोकतंत्र एक ही सिक्के के दो पहलू हैं!

आखिरकार देश के प्रधानमंत्री ने किसान आंदोलन के सवाल पर जो वैचारिक अभियान शुरू किया उससे ही बात शुरू करना उचित होगा । कारण कि देश के मुखिया होने के नाते उनके श्रीमुख से निकले शब्द समूह का विशेष...

निर्णायक और नेतृत्वकारी भूमिका में रहे हैं प्रेमचंद के स्त्री पात्र

विवादों के कारण ही सही प्रेमचंद का साहित्य फिर से ज़ेरे बहस है। दलित साहित्य के लेखकों ने उनके साहित्य को सहानुभूति का साहित्य कहा है, लेकिन स्त्री लेखन की ओर से अभी कोई गंभीर सवाल नहीं उठाया गया...

सचमुच का बरगद

10 मार्च को हिंदी प्रकाशन की दुनिया में सामाजिक विज्ञान के अनन्य प्रकाशन ग्रंथ शिल्पी के संचालक श्याम बिहारी राय की सक्रियता पर विराम लग गया । हिंदी प्रकाशन में साहित्य के अतिरिक्त कुछ भी स्तरीय देखना जब असम्भव...

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आइये, मोदी सरकार संग बेरोज़गारी दूर करें: तीन पोस्ट, तीनों हैरतअंगेज़ भरी!

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