निजीकरण: मिथ और हकीकत

निजीकरण का राजनैतिक अर्थशास्स्त्र समझने के लिए किसी राजनैतिक अर्थशास्त्र में विद्वता की जरूरत नहीं है। सहजबोध (कॉमनसेंस) की बात…

युवकधारा की खेती में सुरेश सलिल ने पैदा किए सैकड़ों लेखक-पत्रकार

हिंदी, साहित्य और पत्रकारिता में अमूल्य योगदान करने वाले 19 जून, 1942 को जन्मे जनपक्षीय कवि, लेखक सुरेश सलिल 79…

अब सामाजिक और आर्थिक अन्याय के विरुद्ध अलग-अलग संघर्षों का वक्त नहीं

आज के हालात में जब दुनिया भर में राष्ट्रोनमादी, दक्षिणपंथी ताकतों की मुखरता आक्रामक है; भारत पर सांप्रदायिक फासीवाद के…

धर्म उत्पीड़ित की आह है, हृदयविहीन दुनिया का हृदय है: मार्क्स

मार्क्सवाद समाज को समझने का विज्ञान और उसे बदलने का आह्वान है। समाज के हर पहलू पर इसकी सत्यापित स्पष्ट…

स्पार्टाकसः गुलामों की सेना ने हिला दी थी रोम की चूलें

हावर्ड फॉस्ट के कालजयी उपन्यास स्पार्टाकस का हिंदी अनुवाद अमृत राय ने आदिविद्रोही शीर्षक से किया है। मैं इस अनुवाद…

राजा ने एक देश को कैसे किया तबाह

एक राजा था। प्रजा उसे आराध्य सा पूजती थी। प्रजा खुशहाल तथा धन-धान्य से संपन्न थी। राज्य के अधिकारी ईमानदार…

आत्मालोचना है बौद्धिक विकास की आवश्यक शर्त

यह अलग बात है कि धर्म परिवर्तन के बाद भी जातियां बनी रहीं, लेकिन इसमें लोभ किसने दिया? सांप्रदायिक दिमाग…

मैकाले को भी मात दे देगी मोदी सरकार की नयी शिक्षा नीति

“हर ऐतिहासिक युग में शासक वर्ग के विचार ही शासक विचार होते हैं, यानि समाज की भौतिक शक्तियों पर जिस…

‘ब्लैक लाइव्स मैटर’: ऐतिहासिक संदर्भ में नस्लवाद और दासता के मायने

(वर्चस्ववाद की बुनियाद के मौलिक तत्वों में से एक है श्रेष्ठतावाद, जो यह दावा करता है कि वही श्रेष्ठ है…

आपातकाल को भी मात देती मोदी सरकार की तानाशाही

वेब अखबार जनचौक में छपी एक खबर के अनुसार, 2 दिन पहले आधी रात को वाराणसी में सीपीआई एमएल (लिबरेशन)…