Author: महेंद्र मिश्र
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“जान दे देंगे लेकिन जगह नहीं छोड़ेंगे”
नई दिल्ली/बस्तर। बस्तर इलाके के दंतेवाड़ा जिले में स्थित इंद्रावती नदी के किनारे बसे इस एरपोंड गांव का अब तक कोई नामोनिशान नहीं रहता अगर सरकार द्वारा 1986 में प्रस्तावित बोधघाट परियोजना सफल हो गयी होती। 80 घरों वाले इस गांव की आबादी तकरीबन 3000 है। एरपोंड के ही रहने वाले 65 वर्षीय जगदेव राणा…
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पीएम मोदी ने तय कर लिया अपना पक्ष! किसान नहीं, अंबानी-अडानी का देंगे साथ
कहते हैं डॉक्टर तब तक मर्ज का ईलाज नहीं कर पाता जब तक कि उसकी डायगोनसिस न कर ले। और बगैर डायगोनसिस के दी गयी दवाएं महज प्रयोग साबित होती हैं। आज पीएम का राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान दिया गया जवाब एक डॉक्टर द्वारा दी गयी किसी एक मर्ज की दवा का…
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खास रिपोर्ट: योगी सरकार की ‘जमीन हड़पो नीति’ के खिलाफ किसानों ने कसी कमर
ग्रेटर नोएडा/लखनऊ। नया कृषि कानून लागू होने से पहले ही यूपी सरकार ने किसानों की जमीन हड़पने का मॉडल तैयार कर लिया था। इस काम में योगी सरकार ने नौकरशाहों की पूरी एक जमात को लगा दिया गया था। और उसी के तहत योगी सरकार ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 को बदलने का फैसला किया है।…
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भारत माता की जय बोलते हैं और धरती का सौदा करते हैं!
कल जब मैं गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से बात कर रहा था तो नानक ताऊजी नाम के एक 90 साल के बुजुर्ग ने बीजेपी और मोदी सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत माता की जय बोलते हैं और धरती का सौदा करते हैं। और सब कुछ इनका कांट्रैक्ट पर चल रहा है। इन्होंने…
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EXCLUSIVE: धोखे की जमीन पर उगते साइलोज!
भट्टू कलां/फतेहाबाद। हरियाणा के फतेहाबाद जिले में स्थित भट्टू कला गांव के चारों तरफ इस समय कभी गेहूं की हरी फसलें लहलहाया करती थीं लेकिन आजकल यहां लोहे की भीमकाय आकृतियां खड़ी हो गयी हैं। जैसे किसान अब अनाज नहीं बल्कि लोहा बो रहे हैं और उनसे उगाना बंद कर किसी लोहे के कारोबार में…
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वी दि पीपुल बनाम सत्ता प्रतिष्ठान
कल किसानों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के रवैये को लेकर लोगों में अचरज का ठिकाना नहीं रहा। लोग समझ ही नहीं पा रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट का यह कायापलट है या फिर इसके पीछे कोई और कहानी है। ज्यादातर लोग एक दूसरे से आश्चर्य मिश्रित सवालों के साथ ही रूबरू थे। जिस तरह…
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बीमारग्रस्त अमेरिकी समाज का ट्रम्प महज लक्षण
अमेरिकी संसद भवन में कल हुई घटना ने अमेरिकी लोकतंत्र को हमेशा-हमेशा के लिए कलंकित कर दिया। सबसे पुराने लोकतंत्र होने के जिस एक चीज पर अमेरिका गर्व करता था अब वह इतिहास हो गया। इस तरह से यह एक विशालकाय शक्ति की नैतिक सत्ता का पराभव भी है। इस बात में कोई शक नहीं…
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निर्णायक मोड़ पर किसानों का आंदोलन
किसानों और सरकार के बीच सातवें चक्र की वार्ता कल समाप्त हो गयी। हालांकि पर्यावरण अध्यादेश और बिजली बिल पर सरकार ने नरम रुख दिखाकर ज़रूर कुछ सकारात्मक संकेत दिया है। लेकिन यह सदिच्छा कम उसकी रणनीति का हिस्सा ज्यादा लगता है। जिसमें एक तरफ यह दिखाने की कोशिश है कि सरकार किसानों की मांगों…