आज आजादी के पचहत्तरवें वर्ष भी पं.जवाहर लाल नेहरू चर्चा में हैं। उन पर आरोप -प्रत्यारोप की बारिश हो रही है। वजह साफ है कि नेहरू के सपनों के भारत से हम विमुख हुए हैं। एक नए तरह के...
दिवाली का जश्न पौराणिक के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। शास्त्रों में इसे मान्यता भी प्राप्त है और इस त्योहार का मूल तत्व बुराई पर अच्छाई की विजय है। दिवाली प्रेम, भाई-चारा और उल्लास का संदेश पूरी दुनिया...
मजरूह सुल्तानपुरी के गृह जनपद सुल्तानपुर जिसके कुशभवनपुर होंने की चर्चा आम है, में एक पार्क इस इंक़लाबी शायर के नाम पर है। तस्वीर में पार्क में घास-फूस का जंगल उगा हुआ है तो जनाब के नाम का लगा...
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उत्तर प्रदेश ट्रेड यूनियन के जनक जुझारू वामपंथी नेता कामरेड विशेश्वर मुख़र्जी उर्फ विशु दा की आज दसवीं पुण्यतिथि है। वे सिनेमा कर्मचारी यूनियन, तांगा चालक यूनियन, हिण्डालको वर्कर्स यूनियन , कोयलरी यूनियन, सीमेंट यूनियन...
असरार उल हक ‘मजाज़’ उर्दू साहित्य के उन महत्वपूर्ण शायरों में से एक हैं, जिनकी नज़्मों में इश्क़ो-मुहब्बत तो था ही साथ ही उनमें बगावती तेवर भी थे। मजाज़ ने अदबी दुनिया मे कई रंग बिखेरे। जरिया चाहे नज़्म...
भारत की आज़ादी के आंदोलन की वैश्विक पहचान के पीछे महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण व्यक्तित्व है और आज उनका जन्मदिन अहिंसा दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। 1917 में स्थानीय किसानों की समस्या को देखने...
बात 1990 के दशक की है जब मैं प्रो. इरफान हबीब के एक आमंत्रण पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास, उच्च अध्ययन केंद्र में एक माह की विज़िटरशिप के लिए गया हुआ था। इत्तफाक से उन्हीं दिनों गिरीश जी...