Friday, April 19, 2024

पूनम मसीह

ग्राउंड रिपोर्ट: 110 साल से रह रहे बाशिदों का डीडीए ने उजाड़ा आशियाना, सड़क पर रहने को मजबूर 29 परिवार

नई दिल्ली। मार्च के महीने में दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले ने एक परिवार को सड़क पर ला दिया। 15 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट की एक सिंगल बेंच की जज प्रतिभा एम सिंह ने एक फैसला सुनाते हुए मूलचंद...

व्हाट्सएप इतिहास से बनाया जा रहा है मुसलमानों के खिलाफ माहौल: एस इरफान हबीब

नई दिल्ली। प्रख्यात इतिहासकार एस. इरफान हबीब ने कहा है कि आजकल इतिहास व्हाट्सएप पर है। रोज कुछ न कुछ वायरल हो रहा है। जिसका नतीजा यह है कि लोग वास्तविक इतिहास से एकदम दूर हो गए हैं। हबीब दिल्ली...

बहुजन समाज की सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देकर ही RSS-BJP को हराया जा सकता है: बहुसंख्यक बुद्धिजीवी सम्मेलन  

देश में आरएसएस के बढ़ते वर्चस्व और भाजपा द्वारा बहुजन राजनीतिक पार्टियों के अस्तित्व को खत्म करने के आक्रामक अभियान के बीच बहुसंख्यक बुद्धिजीवी गोलमेज सम्मेलन हुआ। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए बुद्धिजीवियों ने शिरकत...

Kisan Mahapanchayat: मांग नहीं मानी तो फिर से होगा किसान आंदोलन, 30 अप्रैल को मोर्चे की बैठक

नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा किसानों के साथ किए गए वायदे पूरे न होते देख सोमवार को एक बार फिर किसानों का गुस्सा राजधानी दिल्ली में देखने को मिला। लाल, पीले, हरे झंडे के साथ लोग किसान एकता जिन्दाबाद...

ग्राउंड रिपोर्ट: त्रिपुरा में बीजेपी को वोट नहीं देने की सजा, तालाबों में डाला जहर और रबर बागानों में लगाई आग

अगरतला। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई हिंसा में कितने लोगों की गृहस्थी उजड़ गई। हिंसक भीड़ ने घरों को आग के हवाले कर दिया तो तालाबों में जहर डालकर मछलियों को भी मार डाला। वे...

ग्राउंड रिपोर्ट: त्रिपुरा हिंसा के बाद पुरुषों का पलायन, लेकिन महिलाएं जाएं तो जाएं कहां?

अगरतला। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद राज्य में जो हिंसा हुई उसका असर अब भी देखने को मिल रहा है। लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को हो रही...

ग्राउंड रिपोर्ट: ‘सरकारी हिंसा’ की चपेट में त्रिपुरा, बीजेपी को वोट नहीं दिया तो घरों में लगाई आग

अगरतला। फरवरी की कड़कड़ाती ठंड में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में चुनावी पारा गर्मी का अहसास करा रहा था। केंद्र में सत्तारूढ़ संघ-भाजपा के मंत्रियों ने पूर्वोत्तर में डेरा डाल दिया था। उनके सियासी बयानों...

कैसे मनाएं महिला दिवस जब महिला ही न्याय से रह रही है वंचित

महिलाओं के सम्मान में हर साल आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। आधुनिकता और पूंजीवाद की बढ़ती ताकतों के बीच महिलाओं के असली मुद्दे और जरूरी आवाज कहीं दबती जा रही है। लगभग एक सदी से...

ग्रांउड रिपोर्ट: कानूनी दांवपेंच और दलालों के कसते शिकंजे के बीच दिल्ली में उजड़ते आशियाने

नई दिल्ली। “लोग दीवाली की तैयारी कर रहे थे हमारे घरों को उजाड़ा जा रहा था”, यह कहना है खड़क गांव की महिलाओं का जिनके घरों पर बुलडोजर चला है। स्थानीय लोगों के अनुसार अक्टूबर 2022 के आखिरी सप्ताह...

आखिर क्या है पश्चिम बंगाल की मनरेगा महिला मजदूरों की समस्या, जो उन्हें जंतर-मंतर तक खींच लाई

नई दिल्ली। पहली फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अमृतकाल का आम बजट पेश किया। इस साल पेश किए गए बजट में मनरेगा योजना में भारी कटौती की गई है। मनरेगा के लिए जीडीपी का मात्र 0.198% (60 हजार...

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लोकतंत्र का संकट राज्य व्यवस्था और लोकतंत्र का मर्दवादी रुझान

आम चुनावों की शुरुआत हो चुकी है, और सुप्रीम कोर्ट में मतगणना से सम्बंधित विधियों की सुनवाई जारी है, जबकि 'परिवारवाद' राजनीतिक चर्चाओं में छाया हुआ है। परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिति, व्यवस्था और लोकतंत्र पर पितृसत्ता के प्रभाव, और देश में मदर्दवादी रुझानों की समीक्षा की गई है। लेखक का आह्वान है कि सभ्यता का सही मूल्यांकन करने के लिए संवेदनशीलता से समस्याओं को हल करना जरूरी है।