मुल्क की हवा में इतने कील-कांटे कि गुब्बारा उड़ते ही फट जाता है

अपनी जात पूछने जैसे अपमान को परे झटककर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जब संसद में दहाड़ते हुए जब उसी…

यतो धर्मस्ततो जयः पूजा करना ही नहीं चाहिए, करते हुए दिखना भी चाहिए

इस समय जब हमारे चारो ओर ‘न्याय चाहिए-न्याय चाहिए’ की गुहार गूंज रही है। न्याय विचार की गूंज को बड़े…

झूठ-फरेब के भ्रम-जाल के भीतर से भारत के लोकतंत्र में नये आदमी का नया सूरज उगेगा

अभी पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर थे। वहां विभिन्न कार्यक्रम में उन की भागीदारी और…

सामाजिक समता हो या समरसता सुनिश्चित करने के लिए संसाधनिक वितरण में संतुलन का सवाल

सामने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं का चुनाव है। राजनीतिक विशेषज्ञ और विश्लेषक चुनाव के माहौल और संभावित परिणाम को…

संतुलित समृद्धि के लिए जाति-जनगणना के दर्पण में भारत के लोकतंत्र का चेहरा

जातिवार जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण का महत्व सिर्फ सरकारी नौकरियों में आरक्षण और कुछ अनुदान-उपदान तक ही सीमित नहीं है।…

सियासी तूफान के बीच नई सियासत की संभावनाओं को नये सिरे से समझना जरूरी है

अब सामने विधानसभा के चुनाव की घोषणा और 2024 के आम चुनाव के नतीजों के बाद भावनाओं के ज्वार का…

पॉपुलेरिटी से पावर नहीं मिलता तो फिर लोकतंत्र में सत्ता की शक्ति किससे मिलती है?

देश के कई राज्यों की विधानसभाओं के लिए चुनाव होना है। इन राज्यों में महाराष्ट्र भी शामिल है। ऐसी खबर…

जनता का संकीर्ण दायरा और फैलती हुई इंसाफ की आवाज ताकत और टेर

अब जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की नरेंद्र मोदी सरकार कई मुद्दों पर लगातार पांव आगे-पीछे कर रही है। उचित…

चर्चा भिन्न तरह से हो कि ‘न्याय चाहिए’ तो न्याय को समझना जरूर चाहिए

भारत में अगस्त महीना का अतिरिक्त महत्व का होता है। 9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में…

सुरक्षा और सियासत की सियह-रात में लोकतंत्र का रोशनदान

हिफाजत और हिरासत में क्या फर्क है! हिरासत में हिफाजत करना हिरासत में लेनेवाली शक्ति का दायित्व होता है। व्यक्ति…