Author: प्रफुल्ल कोलख्यान
पांच किलो की मोटरी तले जन, भारी गठरी के तले नायक: कैसे बचेगा लोकतंत्र!
अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो चुका है। आयोजन की भव्यता और दिव्यता के राजनीतिक प्रभाव का प्रसार हो [more…]
भावुक सांद्रता नहीं निष्कंप बुद्धिमत्ता ही कठिन समय में काम आती है
मनुष्य के जीवन में विभिन्न त्यौहारों, उत्सवों, दिवसों को मनाये जाने का बहुत महत्व है। साधारणतः लोग पूछ लेते हैं कि किसी तारीख विशेष को [more…]
राजनीतिक दुविधा-सुविधा की खींच-तान में ताना-बाना को उलझावों से बचाने की चिंता
हम भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे हैं। इस दौर में आंख-कान को खुला रखने की जरूरत है। दृष्टि-भ्रम और श्रुति-भ्रम के इस दौर [more…]
त्रेता का राम राज नहीं, कलियुग का संविधान राज सुनिश्चित हो
छोटे-मोटे विवादों, रुष्टताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या के राम मंदिर में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई। स्वाभाविक रूप से [more…]
अतिरेकी विराटता का नहीं, समवायी लघुता के सम्मान का विवेक हैं राम
22 जनवरी 2024, हिंदु चित्त में चिर प्रतिष्ठित भगवान राम की अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा का दिन। ईश्वर के मनुष्य रूप में अवतरित होने की प्रतिष्ठा [more…]
चुनावी घोषणापत्रों को त्रिपक्षीय करार का दर्जा दिया जाये
पूरब से पश्चिम की ओर राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा चल रही है। यात्रा अभी असम में चल रही है। भारत जोड़ो न्याय [more…]
हक और अधिकार का सवाल: लोकलुभावन राजनीति के फांस में लोकतंत्र और लोकदेव
याद करें लंदन की संसद में 5 मई, 1789 की तारीख को। ‘न्याय के शाश्वत नियमों’ के उल्लंघन, संसदीय विश्वास के साथ दुराचार और भारतवासियों [more…]
महत्वाकांक्षाओं के पर संभालने और बहेलियों के वैभव के डर से बाहर निकलने का समय
पिछले दिनों, खासकर दस साल में जीवन का पैराडाइम, प्रतिमान बदल चुका है। भारत की राजनीति की धुरी भी बदल चुकी है। आज के समय [more…]
बहुत हुई ‘मन की बात’, अब नफरत के बाजार में खुलेंगी ‘मुहब्बत की दुकान’
भारत जोड़ो न्याय यात्रा की योजना बड़े लक्ष्य को सामने रखकर बनाई गई है। इस लक्ष्य को हासिल करने में यह कितनी कामयाब होती है, [more…]
तानाशाही की ओर बढ़ते पैर की शोभा बढ़ाने के लिए लोकतंत्र की ‘पैजनिया’
इस समय भारत की राजनीतिक गतिविधि ‘राम मंदिर के संदर्भ’ और ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की दो लहरों के बीच जारी है। सामने 2024 का [more…]