सामने बिहार की 1, पश्चिम बंगाल की 4, तमिलनाडु की 1, मध्य प्रदेश की 1, उत्तराखंड की 2, पंजाब की 1, हिमाचल की 3 सीटों…
राजनीतिक यथार्थ गूंगा नहीं है, राजनेताओं का लोकतांत्रिक बोध क्या बहरा है!
समझदार लोगों ने बार-बार कहा है, देश कागज पर खींचा हुआ लकीर या नक्शा ही नहीं होता है। देश का…
हे राजनीति के पुरुषोत्तम गद्दी बचा रहे हैं या रद्दी बचा रहे हैं!
नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के साथ अ-सहज हो गये थे। उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़कर बिहार…
संविधान को बदलने का मतलब समझना जरूरी है
यह लोकतंत्र में रस्साकशी का नया दौर है। लोकतंत्र की नई चमक के सामने कुछ देर के लिए ही सही,…
जय संविधान से चिढ़ और धरती की बढ़ती धड़कनों के बीच खेत-खलिहान
भारत के राजनीतिक परिसर में बड़ी विचित्र परिस्थिति सामने खड़ी हो गई है। लोग ऐसे मुद्दों पर बात करने लगते…
स्थिर और मजबूत सरकार बनाम अस्थिर और अशांत जनजीवन
आम मतदाताओं के द्वारा किसी एक राजनीतिक पार्टी को स्पष्ट बहुमत देने से इनकार किये जाने के बावजूद सरकार के…
लोकतंत्र की जान के हैं दुश्मन हजार, उम्मीद की किरण : संविधान लोकतंत्र रोजी-रोजगार
आम चुनाव 2024 बहुत ही प्रतिकूल परिस्थिति में संपन्न हुआ। केंद्रीय चुनाव आयोग की भूमिका बहुत ही पक्षपातपूर्ण और विवादास्पद…
माना गहन अंधेरा है लेकिन रोशनी और ताप की भी संभावना है
क्या हम अपने युवाओं के भविष्य को संवारने लिए कायदे से एक विश्वसनीय परीक्षा का इंतजाम तक नहीं करवा सकते…
लोकतंत्र को अ-स्थिर करनेवाली राजनीति का छिन्न-भिन्न होना तय है
दुनिया में भारत की स्थिति का निर्णय भारत के अंदर की स्थिति से होता है। पिछले दिनों नरेंद्र मोदी के…
पूंजी और कॉर्पोरेट की सेवादारी में लगा ‘लोकतंत्र’
यह ठीक है कि इस बार खंडित जनादेश ने भारतीय जनता पार्टी के भारत सत्ता पर एकाधिकार को पंगु कर…