Friday, April 19, 2024

प्रवीण मल्होत्रा

केंद्र पर भारी पड़ता जा रहा है जनता का यह आंदोलन

धार्मिक या राजनीतिक रूप से प्रताड़ित विदेशी नागरिक पहले भी भारत में नागरिकता लेते रहे हैं। हजारों की संख्या में पाकिस्तान के सिन्धियों को तथा बांग्लादेशी हिन्दुओं को भारत की नागरिकता दी गयी है। फिर नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) जैसा विभाजनकारी कानून बना...

क्या यह भाजपा के जनसंघ युग में लौटने की शुरुआत है?

क्या यह भाजपा के जनसंघ युग में लौटने की शुरुआत है? फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी। जनसंघ को 1977 से पहले कभी भी नौ फीसदी से अधिक वोट नहीं मिले थे। 1977 में जनसंघ का जनता पार्टी में विलय...

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लोकतंत्र का संकट राज्य व्यवस्था और लोकतंत्र का मर्दवादी रुझान

आम चुनावों की शुरुआत हो चुकी है, और सुप्रीम कोर्ट में मतगणना से सम्बंधित विधियों की सुनवाई जारी है, जबकि 'परिवारवाद' राजनीतिक चर्चाओं में छाया हुआ है। परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिति, व्यवस्था और लोकतंत्र पर पितृसत्ता के प्रभाव, और देश में मदर्दवादी रुझानों की समीक्षा की गई है। लेखक का आह्वान है कि सभ्यता का सही मूल्यांकन करने के लिए संवेदनशीलता से समस्याओं को हल करना जरूरी है।