ब्रिटिश शासकों, इतिहासकारों, अध्येताओं, लेखकों, लोकगीतकारों ने 10 मई 1857 को मेरठ से शुरू हुए सिपाही विद्रोह को कई नामों…
जगजीत सिंह डल्लेवाल का उपवास: विश्वसनीयता, गरिमा और मजबूती की पुनर्बहाली
5 मार्च 2025 को जगजीत सिंह डल्लेवाल के उपवास के सौ दिन पार हो चुके हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक)…
सांप्रदायिक सर्वसम्मति की ओर भारतीय राजनीति!
धर्मनिरपेक्ष खेमे के विद्वान आरएसएस/भाजपा के कट्टर हिंदुत्व का प्रत्यक्ष विरोध करते समय अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों के नरम हिंदुत्व का…
कांग्रेस-विरोध का आख्यान: सच और झूठ की पहचान!
(यह लेख मई 2019 के पहले सप्ताह का है। तब नरेंद्र मोदी सरकार के पांच साल पूरे हो चुके थे,…
दिल्ली विधानसभा चुनाव: परिवर्तन या यथास्थिति?
5 फरवरी 2025 को होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनावों में किसी वैचारिक तत्व की तलाश करना भूसे के ढेर…
दिल्ली विधानसभा चुनाव: शीला दीक्षित की दिल्ली के दावेदार!
(यह टिप्पणी करीब 6 साल पहले मार्च 2019 में लिखी गई थी। विद्वान पत्रकार साथी अरुण त्रिपाठी ने दिल्ली में…
किसान आंदोलन: मरण-व्रत टूटे, जीवन-संघर्ष जारी रहे
यह अच्छी बात है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) खनौरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और…
नवउदारवादियों की जीत के साढ़े तीन दशक
भारत में पिछले करीब साढ़े तीन दशकों की नवउदारवाद/निजीकरणवाद की यात्रा पर नजर डालें तो पाते हैं कि बाजी पूरी…
साहित्यिक कल्पना में भारत छोड़ो आंदोलन
किसी समाज एवं सभ्यता की बड़ी घटना का प्रभाव साहित्य और अन्य कलाओं पर पड़ता है। उपनिवेशवादी वर्चस्व के खिलाफ हुआ 1857 का विद्रोह, जिसे…