किसी भी देश में जो मौजूदा समाज व्यवस्था होती है उसी जड़ें वहां के धर्म और संस्कृति में निहित होती…
स्मृति विशेष : सामाजिक न्याय और संविधान को बचाने लिए आजीवन लड़ते रहे चौथीराम यादव
हिंदी साहित्य जगत के वरिष्ठ मार्क्सवादी विचारक, आलोचक और अंबेडकरी विचारधारा के समर्थक प्रोफेसर चौथीराम यादव का 12 मई 2024…
कश्मीर मसले का निदान: सेना नहीं राजनीतिक समाधान
कहते हैं कि दुनिया में कहीं स्वर्ग या जन्नत है तो वह है – कश्मीर। पर दुर्योग से कश्मीर के वास्तविक जीवन…
दिल्ली में क्यों लगी है सैकड़ों सफाई कर्मचारियों की आजीविका दांव पर?
दिल्ली में सफाई कर्मचारी बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं क्योंकि सरकारी क्षेत्र उन्हें ठीक से एकीकृत करने में असमर्थ…
पुस्तक समीक्षा: निष्ठुर समय से टकराती औरतों की संघर्षगाथा दर्शाता कहानी संग्रह
शोभा सिंह का कहानी संग्रह, 'चाकू समय में हथेलियां', विविध समाजिक मुद्दों पर केंद्रित है, जैसे पितृसत्ता, ब्राह्मणवाद, सांप्रदायिकता और…
समय-स्वर: ‘पूंजीपतियों का पोषण है, कह कर आप फंसे’
”सरकार किसानों को MSP पर कानून की गारंटी नहीं दे रही। किसानों का कर्ज़ माफ़ नहीं कर रही जबकि पूंजीपतियों के करोड़ों…