मोदी के चुनावी भाषण: झूठ और नफरत का सैलाब

भाजपा की प्रचार मशीनरी काफी मजबूत है और पार्टी का पितृ संगठन आरएसएस इस मशीनरी की पहुंच को और व्यापक…

अगर भाजपा का पिछले दस साल का शासन ट्रेलर था तो अब क्या होगा!

जहां तक प्रोपेगेंडा का सवाल है, हमारे प्रधानमंत्री का मुकाबला कम ही नेता कर सकते हैं। एक ओर वे कांग्रेस की कई…

एक बार फिर सांप्रदायिक-विघटनकारी एजेंडा के सहारे भाजपा?

बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद हमेशा से चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक विघटनकारी एजेंडा और नफरत का इस्तेमाल करता…

क्या कांग्रेस घोषणापत्र मुस्लिम लीग की सोच को प्रतिबिंबित करता है?

गत 4 अप्रैल, 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। पार्टी ने…

आसमान में उड़ने वाले रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने दिखायी जमीन

पिछले कुछ दशकों में भारत में कई बाबाओं का उदय हुआ है। इसके पहले भी बाबा हुआ करते थे मगर…

इस्लामोफोबिया से मुकाबिल संयुक्त राष्ट्र संघः एक प्रशंसनीय पहल

कुछ सालों पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में एक प्रस्ताव प्रस्तुत कर पाकिस्तान ने यह मांग की थी कि वर्ष के…

बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में: स्वातंत्र्यवीर सावरकर

फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है। कई दशकों पहले…

सीएए: देश को बांटने का एक और औज़ार

जिस समय इलेक्टोरल बॉण्ड से जुड़ा बड़ा घोटाला परत-दर-परत देश के सामने उजागर हो रहा था, ठीक उसी समय केन्द्रीय…

भाजपा शासन और भारतीय प्रजातंत्र व संविधान को खतरे

सत्ताधारी भाजपा के नेता इन दिनों ‘चार सौ पार’ की बात कर रहे हैं। उनका मानना है कि आने वाले…

बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवादः वैज्ञानिक समझ का नकार

हिन्दू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी के पिछले एक दशक से चले आ रहे शासन के दौरान हमारे देश में शिक्षा…