आज दुनिया के हर कोने में सत्ताधारियों के लिए उदार लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं असहनीय बनती जा रही हैं। उनका झुकाव निरंकुशता…
स्कॉटलैंड यात्रा: पगली भीड़ से दूर, हो एक आशियाना न्यारा!
“वो आसमां झुक रहा है ज़मीं पर,यह मिलन हमने देखा यहीं पर,मेरी दुनिया, मेरे सपने शायद मिलेंगे यहीं“ लामोंट कुटिया…
गांव में एक कक्षा बनी न्यारी
दौसा, राजस्थान। बचपन में एक गाना सुना करता था- “एक बांग्ला बने न्यारा “। जीवन के अंतिम चरण में सुना और…
प्रेमचंद के बहाने :जाति चक्रव्यूह में फंसा देश
शायद आज़ादी के बाद यह पहला अवसर है जब संसद के भीतर और बाहर देश के जाति -यथार्थ को लेकर…
ट्रम्प पर सवार मार्क्सवाद का भूत!
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प पर कार्ल मार्क्स और साम्यवाद का भूत सवार हो गया है। वे अमेरिकी…
देश को चाहिए आर्थिक लोकतंत्र, इंडिया गठबंधन का एजेंडा तय हो!
(मास के अंतिम सप्ताह में मोदी-सरकार अपनी तीसरी पारी का बजट देश के सामने रखेगी। दस वर्षों से नरेंद्र मोदी…
स्कॉटलैंड का सफर : ताकि सनद रहे
(स्कॉटलैंड यात्रा पर लिखते समय मैं बरबस लंदन यात्रा का पुनरावलोकन करने की उत्सुकता से स्वयं को घिरा पा रहा…
हाथरस त्रासदी: क्या मोदी जी, देश के बुनियादी सवालों से भाग नहीं रहे हैं?
दो जुलाई की हाथरस ट्रेजेडी ने ‘मोदी-शाह ब्रांड भाजपा, गुजरात विकास मॉडल और डबल इंजन सरकार का नैरेटिव’ के खोखलेपन…
मोदी सत्ता का चाल-चरित्र और चेहरा पुराना रहेगा; क्या विपक्ष सामना कर सकेगा ?
“अगर आप बार-बार उठोगे तो मैं सदन से बाहर निकाल दूंगा”, लोकसभा अध्यक्ष पद की दूसरी पारी शुरू करते हुए…
आपातकाल की पूर्व संध्या: तब की घोषित और आज़ की अघोषित इमरजेंसी, कौन सही-कौन ग़लत?
“सरकार के अवैध व अनैतिक आदेशों का पालन पुलिस, सेना और सरकारी अधिकारी व कर्मचारी न करें”, जयप्रकाश नारायण (इंडियन एक्सप्रेस,…