पुस्तक समीक्षा: झूठ की ज़ुबान पर बैठे दमनकारी तंत्र की अंतर्कथा
“मैं यहां महज़ कहानी पढ़ने नहीं आया था। इस शहर ने एक बेहतरीन कलाकार और प्रतिभाशाली रचनाकार को निगल लिया था। उसकी डायरी एक उत्कृष्ट [more…]
“मैं यहां महज़ कहानी पढ़ने नहीं आया था। इस शहर ने एक बेहतरीन कलाकार और प्रतिभाशाली रचनाकार को निगल लिया था। उसकी डायरी एक उत्कृष्ट [more…]