Friday, June 2, 2023

रुचिर गर्ग

पत्रकारिता का ‘मूत्र-काल’ और चिंताएं

एक माफिया अतीक अहमद के टीवी कवरेज के बारे में सुना तो आज कुछ पोस्ट्स बहुत तकलीफ के साथ लिखा । ऐसी भाषा लिखना, जिसके पक्षधर आप खुद भी न हों, बहुत तकलीफ देता है। क्योंकि यह सब सस्ते कटाक्ष...

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