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ज़रूरी ख़बर

लक्षण बताते हैं कि ईवीएम से गड़बड़ी के आरोप निराधार नहीं हैं 

ईवीएम पर बात चले तो पार्टी विशेष के लोग घबरा जाते हैं। इसलिए खबरें नहीं छपती हैं और जैसे ही चर्चा चली आईटी सेल सक्रिय [more…]

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ज़रूरी ख़बर

मोदी जी चाहते हैं कि ना कोई सवाल करे, ना सवाल करने लायक रहे

इन दिनों देश में जिसकी लाठी उसकी भैंस और सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का – जैसी पुरानी कहावतों के ढेरों उदाहरण मिल जाएंगे। [more…]

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बीच बहस

ये कैसी खबर, कैसा सुधार और कैसा प्रचार?

आज के अखबारों में एक खबर प्रमुखता से है, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार से बैंकों के 98 प्रतिशत खाताधारक सुरक्षित। मैं हिन्दी अखबार नहीं पढ़ता [more…]

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बीच बहस

कोरोना एक तरह की नोटबंदी है! सरकार लड़ाई के हर मोर्चे पर नाकाम, लेकिन समर्थक मानने को तैयार नहीं

देश में कोरोना की जो हालत है और उससे निपटने की जो सरकारी व्यवस्था है उसके मद्देनजर कई बातें बहुत दिलचस्प हैं। उससे यही पता [more…]

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ज़रूरी ख़बर

गैर सरकारी पीएम केयर्स का प्रचार सरकारी वेबसाइट पर क्यों?

पीएम केयर्स को जब गैर सरकारी घोषित कर दिया गया है तो सरकारी मंत्रालयों के साइट पर उसका विज्ञापन क्यों? कल रात वित्त मंत्रालय और [more…]

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ज़रूरी ख़बर

शाहीन बाग शूटर के पिता ने कहा, हमने भाजपा वालों का भी माला पहनाकर किया था स्वागत

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि पिछले सप्ताह दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन स्थल पर गोलियां चलाने वाला कपिल गुर्जर आम आदमी पार्टी [more…]

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बीच बहस

जेएनयू हमले की अखबारों में रिपोर्टिंग से गायब हैं तथ्य, पुलिस की भूमिका पर सवाल है न ही गुंडों की खोज-खबर

आज के ज्यादातर अखबारों में जेएनयू में नकाबपोश गुंडों का हमला – लीड खबर है। भिन्न अखबारों ने इसे अलग ढंग से पेश किया है [more…]

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ज़रूरी ख़बर

जलवायु परिवर्तन पर युवा सड़कों पर हैं लेकिन राष्ट्रों को चिंता नहीं

प्रदूषण फैलाने वाले बड़े देशों को छोटे देशों के दबाव का सामना करना पड़ा और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक एक्शन प्लान नहीं बन पाया। [more…]

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बीच बहस

सक्षम अर्थशास्त्री के बगैर चल रही है भारतीय अर्थव्यवस्था

हर कोई अर्थशस्त्री है – घरेलू बजट तैयार करने वाली गृहणी से लेकर दूध बेचने वाले गोपालकों तक और पुर्जे बनाने वाले छोटे उद्यमी से [more…]

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राजनीति

अयोध्या के फैसले से मैं बेहद परेशान हूं: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अशोक गांगुली

अयोध्या के फैसले पर अंग्रेजी अखबार ‘द टेलीग्राफ’ में प्रकाशित, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली की यह प्रतिक्रिया पढ़ने लायक है। [more…]