इन दिनों देश में जिसकी लाठी उसकी भैंस और सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का - जैसी पुरानी कहावतों के ढेरों उदाहरण मिल जाएंगे। सब खुलेआम बिखरे-फैले पड़े हैं। उस पर ट्विटर ने केंद्र सरकार पर मुकदमा करके...
आज के अखबारों में एक खबर प्रमुखता से है, बैंकिंग क्षेत्र में सुधार से बैंकों के 98 प्रतिशत खाताधारक सुरक्षित। मैं हिन्दी अखबार नहीं पढ़ता और उनका तो नहीं पता पर हिन्दुस्तान टाइम्स में यह खबर आज लगभग इसी...
देश में कोरोना की जो हालत है और उससे निपटने की जो सरकारी व्यवस्था है उसके मद्देनजर कई बातें बहुत दिलचस्प हैं। उससे यही पता चलता है कि या तो सरकार कुछ कर नहीं रही है या जो कर...
पीएम केयर्स को जब गैर सरकारी घोषित कर दिया गया है तो सरकारी मंत्रालयों के साइट पर उसका विज्ञापन क्यों? कल रात वित्त मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के वेबसाइट पर पीएम केयर्स का यह विज्ञापन दिखा। दोनों केंद्रीय मंत्री...
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि पिछले सप्ताह दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन स्थल पर गोलियां चलाने वाला कपिल गुर्जर आम आदमी पार्टी का सदस्य है। इसके बाद से भक्त लोग परेशान हैं कि विरोधियों ने इस...
आज के ज्यादातर अखबारों में जेएनयू में नकाबपोश गुंडों का हमला - लीड खबर है। भिन्न अखबारों ने इसे अलग ढंग से पेश किया है पर सबसे खास बात यह है कि दिल्ली पुलिस कैम्पस में अनुमति नहीं मिलने...
प्रदूषण फैलाने वाले बड़े देशों को छोटे देशों के दबाव का सामना करना पड़ा और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक एक्शन प्लान नहीं बन पाया। दो सप्ताह के विचार-विमर्श के बाद भी 2015 के पेरिस समझौते को कैसे लागू...
हर कोई अर्थशस्त्री है - घरेलू बजट तैयार करने वाली
गृहणी से लेकर दूध बेचने वाले गोपालकों तक और पुर्जे बनाने वाले छोटे उद्यमी से
लेकर बड़े भवन निर्माता तक,
जो बड़े-बड़े अपार्टमेंट बना कर बेचते हैं।
इन सभी को चाहे मजबूरीवश, खेल...
अयोध्या के फैसले पर
अंग्रेजी अखबार 'द टेलीग्राफ' में प्रकाशित, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज न्यायमूर्ति अशोक
कुमार गांगुली की यह प्रतिक्रिया पढ़ने लायक है। पेश है, टेलीग्राफ की खबर का अनुवाद :
अयोध्या मामले में
फैसले पर न्यायमूर्ति गांगुली ने संविधान से...
वैसे तो विनोबा भावे (1958) से लेकर अमिताभ चौधरी (1961), वर्गीज कुरियन (1963),
जयप्रकाश नारायण (1965), सत्यजीत राय (1967), गौर किशोर घोष (1981), चंडी प्रसाद भट्ट (1982), अरुण शौरी (1982), किरण बेदी (1994), महाश्वेता देवी (1997), राजेन्द्र सिंह (2001), संदीप...