Author: सत्येंद्र रंजन
बजट और विकल्प
इस बात की दाद नरेंद्र मोदी सरकार को अवश्य दी जानी चाहिए कि इस बार के बजट में उसने अपनी प्राथमिकताओं को छिपाने की कोई [more…]
संदेश मिला और सवाल उठेः अब जवाब चाहिए
राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई भारत जोड़ो यात्रा इस बात को जताने में ठोस रूप से कामयाब रही कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय [more…]
बीबीसी डॉक्यूमेंटरी: सवाल सिर्फ मोदी का नहीं है
अगर मंशा और प्रसारण के समय के सवाल को छोड़ दिया जाए, तो इसमें कोई शक नहीं है कि बीबीसी डॉक्यूमेंटरी-द मोदी क्वेश्चन-ने नरेंद्र मोदी [more…]
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री: कठघरे में तो ब्रिटेन खड़ा हुआ है
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री- द मोदी क्वेश्चन– से गोधरा ट्रेन अग्निकांड, गुजरात दंगों या उसमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित भूमिका के बारे [more…]
इस अर्थव्यवस्था का अब क्या औचित्य?
आर्थिक गैर-बराबरी एक दशक से अधिक समय से दुनिया भर में चर्चा में है। इसलिए गैर-सरकारी संस्था ऑक्सफेम ने अपनी ताजा रिपोर्ट- सरवाइवल ऑफ द [more…]
नव-उदारवाद ने भारत को बनाया या बिगाड़ा?
नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के जो परिणाम आज हम देख रहे हैं, उसके लिए सिर्फ मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराना इंसाफ नहीं होगा। बल्कि इसकी [more…]
गौर कीजिए भारत के वर्तमान के इस पहलू पर
कुछ पहले आई इस खबर ने भारत में जश्नभरा माहौल बना दिया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसके [more…]
एक रोशनी जो जुगनू की चमक साबित हुई
यूक्रेन पर रूस की विशेष सैनिक कार्रवाई शुरू होने के बाद भारत सरकार ने जो रुख लिया, उससे दुनिया भर के कूटनीतिक विशेषज्ञ चौंके। संयुक्त [more…]
अब बेनकाब हो गया है पश्चिम का सॉफ्ट पॉवर भी
विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री माइकल हडसन ने यूक्रेन संकट के बारे में लिखे अपने एक हालिया लेख का शीर्षक दिया है- The American Empire self-destructs यानी [more…]
तीर कभी बन जाते हैं खुद निशाने!
यूक्रेन के मुद्दे पर बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने बार-बार धमकी दी थी कि अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो उसे अंतरराष्ट्रीय [more…]