Sunday, April 28, 2024

सत्येंद्र रंजन

यूपी चुनाव में जो दांव पर लगा है

यह कहावत बहुचर्चित है कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर जाता है। यानी अक्सर यह होता है कि जो पार्टी/ गठबंधन उत्तर प्रदेश में विजयी होता है, वही दिल्ली यानी राष्ट्रीय स्तर पर भी राज करता है। हालांकि...

भारत की चीन नीतिः आखिर इस उलझन की जड़ें कहां हैं?

उन्नीस जून 2020 को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान को सुन कर सारा देश सन्न रह गया था कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘ना तो कोई भारत के अंदर घुसा है,...

अब सचमुच नव-उदारवाद की कब्रगाह बनेगा चिली?

चिली वामपंथी राष्ट्रपति चुनने वाला इस साल (2021) तीसरा लैटिन अमेरिकी देश बना है। चिली के इतिहास की वजह से गैब्रियाल बोरिच का वहां राष्ट्रपति चुना जाना कुछ अधिक खास है। लैटिन अमेरिका में चिली ही पहला देश था,...

संघर्ष का टेम्पलेट जो किसान आंदोलन ने दिया है

संयुक्त किसान मोर्चा ने 378 दिन के बाद अपने आंदोलन को स्थगित करते हुए कहा कि ‘लड़ाई जीत ली गई है, लेकिन किसानों के हक-खास कर एमएसपी को किसानों के कानूनी अधिकार के रूप में हासिल करने का युद्ध...

अमेरिका बनाम चीनः लोकतंत्र पर छिड़ा वैचारिक संग्राम

अमेरिकी राजनीति-शास्त्री फ्रांसिस फुकुयामा की मशहूर किताब ‘The End of History and the Last Man’ 29 साल पहले प्रकाशित हुई थी। उसके एक साल पहले यानि 1991 में सोवियत संघ का विखंडन हुआ था। उसके पहले 1989 में फुकुयामा...

किसान आंदोलन खत्म हो तो कैसे?

तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विरोधी समूहों में जैसी सुखबोध की लहर दिखी, वैसा उल्लास आंदोलनकारी किसानों और उनके संगठनों में नहीं दिखा। उनकी प्रतिक्रिया...

अब उतर गया है CoP का नकाब

जलवायु परिवर्तन पर स्कॉटलैंड के शहर ग्लासगो में आयोजित वैश्विक सम्मेलन को अब संभवतः इसलिए याद रखा जाएगा कि यहां आकर CoPनाम से बहुचर्चित इस प्रक्रिया से दुनिया के विवेकशील लोगों का पूरा मोहभंग हो गया। इसे इस रूप...

क्या सचमुच कांग्रेस के पुनर्जीवन की शुरुआत हो गई है?

उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की दो रैलियों (वाराणसी और गोरखपुर में) की सफलता से इस राज्य में कांग्रेस की संभावनाओं को लेकर एक नई चर्चा शुरू हुई है। यह शायद मोदी-योगी राज से समाज के एक बड़े हिस्से...

बाजारवादी समाजवाद के बाद साझा समृद्धि: अब कैसे दिखेगा चीन?

चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की अगले महीने (8-11 नवंबर) एक विशेष बैठक होगी। खबरों के मुताबिक उसमें ‘इतिहास पर संकल्प-पत्र (resolution)’ को मंजूरी देगी। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि पार्टी के इतिहास में इस संकल्प-पत्र का वही...

भारतः भूख और गरीबी की नई कथा

बीते हफ्ते जारी हुई वर्ल्ड हंगर इंडेक्स रिपोर्ट से भारत में बढ़ रही भूख और कुपोषण की समस्या पर फिर रोशनी पड़ी है। भारत में भूख/ कुपोषण हमेशा से एक गंभीर समस्या रही है। लेकिन आजादी के बाद इसमें...

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सलमान सोज और अमिताभ दुबे का लेख: कांग्रेस एक ज्यादा न्यायपूर्ण समाज बनाना चाहती है

कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र ने भारत में बढ़ती जा रही गैर-बराबरी पर एक महत्वपूर्ण बहस छेड़ दी है। चूंकि...