चंद परिवारों में क्यों सिमटी भारत की राजनीति ?
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल में यह दिलचस्प बात कही कि गुजरे 30 वर्षों में बिहार में सिर्फ साढ़े पांच सौ परिवारों के सदस्य [more…]
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल में यह दिलचस्प बात कही कि गुजरे 30 वर्षों में बिहार में सिर्फ साढ़े पांच सौ परिवारों के सदस्य [more…]
नई दिल्ली। साल 2024 को चुनावों का साल कहा जा रहा है। कारण यह कि इस वर्ष दर्जनों “लोकतांत्रिक” देशों में आम चुनाव होने वाले [more…]
नई दिल्ली। मुमकिन है कि यह कथन कुछ लोगों को अतिशयोक्ति लगे कि जॉन पिल्जर हमारे युग के सबसे महान पत्रकार थे। बहरहाल, इसे अगर [more…]
नई दिल्ली। अगर अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मामले में साल 2023 का लेखा-जोखा लें, तो भारत के लिए इस वर्ष का सर्वोच्च बिंदु जून में प्रधानमंत्री [more…]
इलीट शब्द का हिंदी अनुवाद अभिजात या सभ्रांत है। उर्दू में इसे अशराफिया कहते हैं। डिक्शनरी ब्रिटैनिका के मुताबिक इसका अर्थ ऐसे लोगों से होता है, [more…]
इस महीने की दो घटनाओं ने देश के एक बड़े हिस्से में नाउम्मीदी पैदा की है। यह समाज का वो हिस्सा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र [more…]
संसद की सुरक्षा भंग हुई, तो उस पर विपक्ष का उत्तेजित होना लाजिमी है। चूंकि कुछ तथ्य ऐसे हैं, जिससे इस मामले में सीधे तौर [more…]
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कई रूपों में असहज करने वाला है। उनमें पहला मुद्दा अनुच्छेद 370 के [more…]
भारत की विदेश नीति एक बंद गली में पहुंच गई लगती है। अभी हाल तक भारतीय विदेश नीति के कर्ता-धर्ता यह दावा करते थे कि [more…]
नई दिल्ली। चार राज्यों- मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के नतीजे ऊपरी तौर पर यह बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के समर्थन आधार [more…]