कम्युनिस्ट घोषणापत्र की शुरुआती पंक्तियों में मजदूर वर्ग के महान शिक्षकों कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स ने लिखा था कि,…
भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुध्द संघर्ष के सर्वश्रेष्ठ अगुआ हैं आंबेडकर
डॉ. भीमराव आंबेडकर एक बहुजन राजनीतिक नेता और एक बौद्ध पुनरुत्थानवादी होने के साथ-साथ, भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार भी…
ज्योतिबा के जन्मदिन पर विशेष: निरक्षरता है सारी विपत्तियों की जड़
सारी विपत्तियों का आविर्भाव निरक्षरता से हज्योतिबा फुले ने अपनी पुस्तक ‘गुलामगिरी’ (स्लेवरी) में स्पष्ट लिखा है कि वे अपने…
राहुल सांकृत्यायन: बहुमुखी प्रतिभा, अगाध मेधा और महान सर्जक
मैं जब इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष का छात्र था तब मेरे मित्र कृष्णानंद के पड़ोसी छोटे उर्फ राम दुलारे ने मुझे…
कृषक चेतना के अनूठे कवि : केदारनाथ अग्रवाल
बकौल खुद – ‘मेरा विश्वास है कि कथ्य और शिल्प अलग नहीं है। दोनों की सांघातिक इकाई एक है। उसे…
विश्व रंगमंच दिवस: पारसी थिएटर का योगदान
पारसी रंगमंच, 19वीं शताब्दी के ब्रिटिश रंगमंच के मॉडल पर आधारित था। इसे ‘पारसी रंगमंच’ इसलिए कहा जाता था क्योंकि…
विश्व मानवता के धरोहर मैक्सिम गोर्की
अल्योशा यानी अलिक्सेय मक्सिमाविच पेशकोफ यानी मैक्सिम गोर्की पीड़ा और संघर्ष की विरासत लेकर पैदा हुए। उनके बढई पिता लकड़ी…
समसामयिक संदर्भ में भगत सिंह
भगत सिंह को भारत के सभी विचारों वाले लोग बहुत श्रद्धा और सम्मान से याद करते हैं। वे उन्हें देश…
रेणु का कथा साहित्य : कस्बाई एवं ग्राम्य जीवन के संघर्षों का सांस्कृतिक महा-आख्यान
स्वातंत्र्योत्तर भारत के निर्विवाद आंचलिक उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु का साहित्य आज़ादी के बाद दम तोड़ते निम्न मध्यवर्गीय कस्बाई जीवन…
जन्मदिन पर विशेष: फ़ैज की गजलों से कांप उठती थी सत्ता की रूह
मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरी महबूब न माँग मैंने समझा था के तू है तो दरख्शाँ है हयात तेरा ग़म…