दलित साहित्यकारों और एक्टिविस्टों ने आधुनिकता के मुहावरे और ढांचे में अपने संघर्ष को स्थापित किया है। मूल्यों के असमान…
पहाड़ की खुरदुरी जमीन पर मोहन मुक्त ने खड़ा किया है कविता का हिमालय
वो तुम थे एक साधारण मनुष्य को सताने वाले अपने अपराध पर हँसे ठठाकर, और अपने आसपास जमा रखा मूर्खों…
साहित्य के नोबेल विजेता लेखक अब्दुलरज़ाक गुरनाह: अस्तित्व के संघर्ष और अकेलेपन में झांकता उपन्यासकार
अरबी मूल के ‘सफ़ारी’ और अफ्रीका की स्वाहिली मूल के ‘मसाफ़ीरी’ शब्द से बना है प्रचलित स्वाहिली का शब्द ‘वासाफ़ीरी’…
सभी को आत्मबोध का समान अधिकार
जज मत करिए उन्हें समझिए “जेंडर ट्रबलः फेमेनिज्म एंड द सबवर्जन ऑफ आईडेंटिटी” (1990) जैसी मशहूर किताब की रचयिता और…
जेंडर और यौनिकताः बहस भी और संघर्ष भी
दुनिया की सबसे विख्यात आंकी गई महिलाओं में से एक, विश्व सिनेमा की एक प्रमुख स्टार, और 11 साल की…
जन्मदिन पर विशेष: अमीर ख़ान; राह चलता फकीर जिसका जहान संगीत में ही बनता, खुलता और बंद होता था!
अमीर ख़ान का गाना सुनते हुए आप सबसे पहले क्या राय बनाते हैं उनके बारे में? क्या बना सकते हैं?…
बहुत लंबी है टीवी के पतन की प्रक्रिया
इससे पहले कि टीवी समाचार के आसमान पर छाए बादल फटते मैं निकल आया था। या निकलने को विवश हुआ…
जिनके मन राम बिराजे वो हैं हमारे उस्ताद अमीर ख़ान
राम के नाम क्या-क्या नहीं हुआ था। अब चीख नहीं सकते तो एक यात्रा भीतर की ओर की जा सकती…