डॉ. सिद्धार्थ
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बजट: राष्ट्रीय संपदा का कॉरपोरेट को हस्तानांतरण का रोडमैप
2021-22 का बजट सामान्य रूटीन का बजट नहीं हैं, यह खुलेआम इस बात की घोषणा करता है कि देश की अर्थव्यवस्था का विकास एवं संचालन निजी क्षेत्र द्वारा ही किया जा सकता है और किया जाना चाहिए। यह एक...
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फुले की ‘गुलामगिरी’: ब्राह्मणवाद से मुक्ति के पहले घोषणापत्र का एक परिचय
(वरिष्ठ पत्रकार और एक्टिविस्ट प्रोफेसर दिलीप मंडल ने वसंत पंचमी (सरस्वती पूजन) के दिन डॉ. आंबेडकर के पहले गुरु ज्योतिराव फुले की सबसे प्रमुख कृति गुलामगिरी के एक अंश को उद्धृत किया, उसके बाद उनके खिलाफ टि्वटर पर #ArrestDilipMandal...
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शताब्दी वर्ष पर विशेष: मेहनतकश बहुजनों की विरासत है चौरी-चौरा की क्रांतिकारी बगावत
(भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण गौरव गाथाओं में एक चौरी-चौरी की क्रांतिकारी बगावत का आज ( 4 फरवरी 2021) शताब्दी समारोह शुरू हो रहा है। इस बगावत को वर्तमान हिंदू राष्ट्रवादी कार्पोरेट शासक वर्ग अपने तरह से व्याख्यायित करने...
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अमेरिका में राजनीतिक-सामाजिक संकट और भारत के लिए सबक
अमेरिका में जो कुछ भी हो रहा है, उसे सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता की हवस और बदमाशी के रूप में देखना इस संकट का सतहीकरण और सरलीकरण करना होगा। ट्रंप चुनाव प्रचार के दौरान भी कहते रहे कि...
ज़रूरी ख़बर
ये मेहनतकश किसानों का आंदोलन है, इसे अपरकास्ट परिजीवी भू-मालिकों के नजरिये से न देखें
यदि कोई भी वर्तमान किसान आंदोलन को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, बिहार और गाय पट्टी के अन्य अपरकॉस्ट कृषि भूमि के मालिक परजीवियों की नजर से देखने की कोशिश करेगा, तो उसे वर्तमान किसान आंदोलन की ताकत के मुख्य...
संस्कृति-समाज
हिंदू राष्ट्रवाद का खौफ़नाक मंजर पेश करती है अरुंधति की किताब ‘आज़ादी’
अरुंधति रॉय भारत की उन चंद लेखकों में हैं, जिनकी समकालीन भारत की नब्ज़ पर उंगली है और जो भारत की हर धड़कन को कान लगाकर सुनती हैं और उसे अभिव्यक्त करने की कोशिश करती हैं। आज का भारत...
संस्कृति-समाज
ज्योतिराव फुले: आधुनिक युग में दलितों-बहुजनों, महिलाओं एवं किसानों के संघर्ष के पहले नायक
तुम कैसे बेशर्म हुए, वश में होकर इन ब्राह्मणों के
नित छूने को चरण अरे तुम झुक जाते हो यों कैसे।
आर्यों की मनुस्मृति को देखो, ध्यानपूर्वक देखो
उसमें धोखा है सब देखो, पढ़ो ज़रा इनके ग्रंथों को।।
- ज्योतिराव फुले
“मेरे तीसरे गुरु...
ज़रूरी ख़बर
संविधान दिवस पर विशेष: डॉ. आंबेडकर को ही भारतीय संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है?
26 नवंबर 1949 को डॉ. भीमाराव आंबेडकर ने भारतीय संविधान को राष्ट्र को समर्पित किया था। संविधान सभा के निर्मात्री समिति के अध्यक्ष डॉ. आंबेडकर की 125वें जयंती वर्ष 2015 में भारत सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस...
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पाटलिपुत्र की जंग: बिहार के नौजवानों का अपमानजनक पलायन और भूमि सुधार का प्रश्न?
बिहार में चुनावी माहौल गरम होता जा रहा है, एक से बढ़कर एक वादे किए जार रहे हैं, आरोपों-प्रत्यारोपों की बौछार हो रही है, विविध रूप-रंग के गठबंधन दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं, जाति-धर्म के आधार पर वोटों की...
बीच बहस
संघ और बीजेपी मिटा देना चाहते हैं मंडल राजनीति का नामोनिशान!
संघ जिस हिंदू राष्ट्र का स्वप्न देखता रहा है, उसके मार्ग में सबसे बड़ी बाधा हिंदुओं का वर्ण-जातियों में विभाजन रहा है। इस विभाजन का एक मुख्य राजनीतिक स्वर मंडलवादी राजनीति करने वाली पार्टियां रही हैं, जो अपने साथ हिंदुओं...
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ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी
राजनांदगांव। लोकसभा 2024 में राजनांदगांव की सीट काफी दिलचस्प मानी जा रही है। इस सीट पर पूर्व सीएम भूपेश...