आज के तेज़ी से बदलते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र में दो प्रमुख लैंग्वेज मॉडल लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे…
हम से ना होई बनिहरिया ए मालिक, हम से न होई!
जिन लोगों को अफ़सोस है कि शारदा सिन्हा अपने गायन को समाज बदलने का हथियार नहीं बना पायीं, उन्हें सबसे…
हुड्डा की पालकी ढोने से हरियाणा में डूबी कांग्रेस की नैया
“क्विल्स मैंग्ड डे ला ब्रियोचे”। यह एक मशहूर फ़्रांसीसी वाक्य है,जिसका अर्थ है-जब रोटी नहीं है,तो वे केक क्यों नहीं…
नीतीश कुमार: वल्गैरिटी, सेक्सुअलिटी और जेंडर सेंस्टाइजेशन
वैशाली के पातेपुर प्रखंड में एक छोटी आबादी का गांव चपता है। यहां जब एक टूटी-फूटी झोपड़ी की एक दलित…
मैं हिंदुओं और मुसलमानों को बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन चोटी और दाढ़ी वालों को नहीं: नज़रूल इस्लाम
सोचा जा सकता है कि बंटवारे के समय बंगाल में हुई हिंसा और तबाही की क्या प्रकृति रही होगी कि…
अतीक़ अहमद: राजनीतिक और प्रशासनिक विडंबनाओं का प्रतीक
यह शख़्स कई प्रतीकों का एक समग्र प्रतीक था। हर व्यक्ति की तरह इसकी कई पहचान थी। मगर, इसकी मुख्य…
अम्बेडकरवादी चेतना के अफ़सानों का दस्तावेज़: वेटिंग फ़ॉर वीजा
सवाल पैदा होता है कि अस्पृश्यता के लिए ज़िम्मेदार वर्णव्यवस्था के समर्थक गांधी की आत्मकथा, ‘माई एक्सपेरियंस विथ ट्रुथ’ भारतीयों…
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों का सियासी मंज़र, नतीजों से मिलेगी सियासी मिज़ाज की झलक
पांच जनवरी को बीजेपी नेता अमित शाह त्रिपुरा में थे और उनके सामने थी एक विशाल जनसभा। इस जनसभा में…
देश की फ़िज़ा से आज भी यह आवाज़ आती है कि ‘डरो मत’
पारंपरिक परिवार, रूढ़िवादी समाज से लेकर देश-दुनिया की तमाम हुक़ूमतें, सत्ता की तरफ़ से पैदा किए गए डर के ज़रिए…
भारत जोड़ो यात्रा: टीशर्ट, कोल्ड कंफ़र्ट और भारतीय राजनीति की संस्कृति
भारत की राजनीति हमेशा यहां की संस्कृति से प्रभावित रही है। जिन्होंने भी यहां की राजनीति में अपनी गहरी छाप…