Friday, April 19, 2024

विजय शंकर सिंह

जो सुविधाएं दान या कृपा से मिल रही हैं, वो अधिकार से प्राप्त होनी चाहिए

जब तक एक भी प्रवासी कामगार सड़क पर थका हारा, भूखा प्यासा, घिसटता हुआ अपने गांव घर जाता हुआ दिख रहा है, तब तक इस गंभीर पलायन जन्य त्रासदी में उनके हर मुद्दे और समस्या को सोशल मीडिया पर...

योगी जी, बेवजूद हो जाती हैं जनता की जरूरतों की राह में रोड़ा बनने वाली सरकारें!

लॉकडाउन प्रबंधन सरकार की प्रशासनिक अक्षमता का द्योतक है। सरकार की यह सबसे बड़ी तीसरी प्रशासनिक अक्षमता है। पहली 2016 की नोटबन्दी, दूसरी 2017 के जीएसटी का क्रियान्वयन, और तीसरी यह लॉक डाउन। यही कारण है कि जगह-जगह लॉक...

सड़कों पर मरते निरीह प्रवासी मज़दूर और बेबस तंत्र

सुबह-सुबह यह खबर मिली कि औरैया में नेशनल हाइवे पर, 26 प्रवासी कामगार एक सड़क दुर्घटना में मारे गए। वे अपने जिले गोरखपुर जा रहे थे। सरकार ने शोक व्यक्त कर दिया है। कुछ मुआवजा भी मिलेगा, ऐसी घोषणा...

सड़क पर घिसटता आत्मनिर्भर भारत

हज़ार हज़ार किमी की पैदल कष्टप्रद यात्राओं के चित्र जो देशभर के अखबारों और सोशल मीडिया में छप रहे हैं, यह सारे चित्र उस आत्मनिर्भर, एक भारत श्रेष्ठ भारत के हम भारत के लोगों के हैं, जो स्वेच्छा से अपने...

गिद्धों के लिए भी एक अवसर ही होती हैं आपदायें

पीएम नरेंद्र मोदी ने भले ही लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन वास्तव में करीब 8.04 लाख करोड़ रुपये का ऐलान भारतीय रिजर्व...

एक खतरनाक संकेत है श्रम कानूनों का निलंबन

श्रम कानूनों के निलंबन का निर्णय जो कुछ सरकारों द्वारा किया गया है जिसमें यूपी, एमपी और गुजरात है, एक टेस्टिंग निर्णय है। यह सरकार द्वारा पूंजीपतियों के पक्ष में किया गया एक फैसला है, जिसका आधार यह दिया...

अपनी जड़ों से उजड़ कर जिसके सपनों के महल खड़े किए, उसी ने दिखा दिया ठेंगा

रेल की पटरी पर मज़दूरों के क्षत विक्षत शव और फैली हुयी रोटियों ने हमारी व्यवस्था, नीति, नीयत, और संवेदनशीलता की पोल खोल कर रख कर दी है। दुनियाभर ने पटरियो पर बिखरे मांस पिंड और चंद रोटियों के...

एक ज़िंदा कसक का नाम है मंटो, जो हमेशा बनी रहेगी

आज, 11 मई को उर्दू के अनोखे अफसानानिगार सआदत हसन मंटो का जन्मदिन है। उन्हें याद करते हुए पहले उनकी कहानियों के कुछ सियाह हाशिये पढ़िये। इस्लाह --------  “कौन हो तुम?”  “तुम कौन हो?”  “हर-हर महादेव – हर-हर महादेव – हर हर महादेव।”  “सबूत क्या...

जयंती पर विशेष: टैगोर की दृष्टि में, देशभक्ति और राष्ट्रवाद

गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर का व्यक्तित्व अंतरराष्ट्रीय था। बंगाल के कुछ बेहद सम्पन्न लोगों में उनका परिवार आता था। उनके बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर, देश के प्रथम हिंदुस्तानी आईसीएस थे। वे 1864 बैच के आईसीएस थे। अपने माता-पिता...

कर्नाटक और गुजरात की सरकारों ने प्रवासी मज़दूरों को बनाया बंधक!

जैसा कि खबरें आ रही हैं और रेलवे का एक सर्कुलर बता रहा है, उसके अनुसार तो कर्नाटक के प्रवासी मज़दूर न फंसे हैं, न तो छिपे हैं, वे कंपनियों और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से बंधक बनाए जा...

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