इंडियन एक्सप्रेस अखबार में रविवार 21 मई को दिल्ली पुलिस का 'बैड टच' विज्ञापन प्रमुखता से प्रकाशित हुआ है। इसमें आह्वान है कि स्कूली शिक्षा के साथ बच्चों को सेफ्टी के पाठ भी सिखाएं। 'बैड टच' को समझाते हुए...
2014 के लोकसभा चुनाव से कांग्रेस की चुनावी हार का रोलर-कोस्टर सिलसिला थमने का नाम नहीं लेता दिख रहा। पारिवारिक नेतृत्व की पंजीरी बांटने की क्षमता कमतर होते जाने से पार्टी पर भी उनकी पकड़ ढीली पड़नी स्वाभाविक था।...
2001 में गुजरात भुज भूकंप के तीसरे दिन ही तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी वहां के दौरे पर गए| सब कुछ, सुरक्षा व्यवस्था भी, अस्त-व्यस्त, और तत्कालीन मुख्यमंत्री केशूभाई पटेल और उनकी कुर्सी हिलाने में लगे नरेंद्र मोदी के...
मुझे स्वयं को योगेन्द्र यादव का प्रशंसक स्वीकारने में तनिक भी हिचक नहीं है। भारत की संसदीय राजनीति में वे एक आदर्श व्यवहार स्थापित करते लगते हैं और सामयिक मुद्दे पर उनकी नपी-तुली टिप्पणी कई बार अमेरिका के राष्ट्रपति...
लखीमपुर खीरी हिंसा दो पक्षों ने की थी। लेकिन, उनमें से एक ही, मोदी सरकार के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र द्वारा संचालित पक्ष ही, कानूनी रूप से हत्या की सजा का हकदार है। यहां किसान नेता राकेश टिकैत...
गत दिनों गोरखपुर में मनीष गुप्ता की पुलिस द्वारा नृशंस हत्या की तरह आज लखीमपुर खीरी में भी किसानों के बर्बर हत्याकांड को संभव करने वाली यूपी पुलिस का ‘ठोक दे’ब्रांड मुंह छिपाता फिर रहा है। यह रोज नहीं...
स्त्री सुरक्षा के मुद्दे को एक सामान्य समीकरण के रूप में देखा जा सकता है- जहाँ स्त्री नेतृत्व और निर्णय की भूमिका में नहीं होगी, वहाँ असुरक्षित रहेगी | सामाजिक ही नहीं, राजनीतिक ही नहीं, धार्मिक स्पेस में भी...
उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार में ओवैसी के मुस्लिम मतदाताओं में धुआंधार प्रचार के सन्दर्भ में भाजपा/आरएसएस की रणनीतिक समझ को सावरकर-जिन्ना के हिन्दू राष्ट्र-मुस्लिम राष्ट्र नैरेटिव से तुलना करने वालों की कमी नहीं है। ओवैसी का सीधा तर्क है...
सीजेआई यानी देश के सर्वोच्च पदस्थ न्यायाधीश की घोर न्यायिक हताशा को समझना होगा। इस्लामोफोबिया यानी ‘राष्ट्र/हिन्दू को इस्लाम/मुसलमान से खतरा’ से डराने का समीकरण, जो भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा होता है, रोजमर्रा की पुलिसिंग को भी...
रक्षाबंधन के दिन, जब भारत में भाई अपनी बहनों की रक्षा के प्रति बेहद सजग होते हैं, पुलिस को भी संतुष्ट होना चाहिए कि स्त्रियां अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित होंगी जबकि ऐसा नहीं होता। बल्कि, उलटे, भारी आवागमन को देखते...