रणेंद्र का ताजा उपन्यास 'गूंगी रुलाई का कोरस' चर्चा में है। राजकमल प्रकाशन से आया यह उपन्यास अमेजन पर उपलब्ध है। रणेंद्र ने झारखंड में प्रशासनिक दायित्व निभाते हुए साहित्य की दुनिया में राष्ट्रीय पहचान बनाई। इससे पहले उनके...
वह आंदोलनों का सच्चा समर्थक है। खुद भी आंदोलनकारी रहा है। अब भी आंदोलनकारी ही है। जीवन भर उसने तन, मन और धन लगाकर एक बेहतर समाज के लिए योगदान किया है। इस जुनून के कारण उसने यातना भी...
दुनिया तो बसते-बसते बसी है। कोई हजारों या लाखों साल में बनी है दुनिया। पेड़, पहाड़, जंगल, नदियां, पशु, पक्षी और तितलियां। तरह-तरह के फल-फूल और पौधे। असंख्य प्रकार के जीव-जंतु।
इस
दुनिया को अचानक हमारी हवस ने खतरे में डाल...
खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट भी अब आरटीआई के दायरे में आएगा, लेकिन यह अधूरी या भ्रामक खबर है। सच यह है कि वर्ष 2005 में आरटीआई कानून लागू होने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट भी आरटीआई के दायरे...
जिंदगी दोबारा नहीं मिलती। जो करना हो, इसी जीवन में करना पड़ता है। कुछ लोग जीवन भर एक ही काम करते रहते हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो एक ही जीवन में बहुत कुछ कर जाते हैं। ऐसा करते...