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संस्कृति-समाज

स्मृति शेष : ‘दुनिया के संकट को हल करने की चाबी साम्यवाद में है’ शायर और डायलॉग राइटर अख़्तर-उल-ईमान

अख़्तर-उल-ईमान अपने दौर के संज़ीदा शायर और बेहतरीन डायलॉग राइटर थे। अक्सर लोग उन्हें फ़िल्मी लेखक के तौर पर याद करते हैं, मगर यह भूल [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिवस विशेष: राम लाल : जिन्होंने हमेशा उर्दू ज़बान की हिमायत की

राम लाल, उर्दू के अहम अफ़साना निगार हैं। उन्होंने अफ़साने, नॉवेल, यात्रा वृतांत, रेखा-चित्र, रेडियो ड्रामे और डायरी लिखी, तो सहाफ़त के मैदान में भी [more…]

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संस्कृति-समाज

गीतकार नीरज जन्मशती वर्ष: अब तो मज़हब कोई ऐसा भी चलाए जाए

गीतकार, कवि गोपाल दास ‘नीरज’ का नाम हिन्दी के उन कवियों में शुमार किया जाता है, जिन्होंने मंच पर कविता और गीतों को नई बुलंदियों [more…]

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संस्कृति-समाज

स्मृति शेष: जावेद अनीस जहां भी रहेगा, उसकी संवेदनाएं उत्पीड़ितों के हक़ में होगीं

जावेद अनीस ने इस बे-रहम दुनिया को अलविदा कह दिया है। यह लिखते हुए मुझे अब भी यक़ीन नहीं हो रहा कि मेरे जैसे कई [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मशती वर्ष विशेष: विचारधारा और मनोरंजन के ‘संगम’ ने बनाया राजकपूर को कामयाब डायरेक्टर

राजकपूर, हिंदी सिनेमा के पहले शोमैन थे। जिनकी नीली आंखों में सतरंगी सपने थे। वो आम आदमी के फ़िल्मकार थे और उन्होंने अपनी फ़िल्मों में [more…]

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संस्कृति-समाज

अली सरदार जाफ़री का जन्मदिवस: लोग साथ आते रहेंगे और कारवां बनता रहेगा

तरक़्क़ीपसंद तहरीक और अदब पर ऐतराज़ात पहले भी होते थे, आज भी होते हैं और आइंदा भी होते रहेंगे। लेकिन इस ज़माने में ऐतराज़ात का [more…]

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संस्कृति-समाज

जौन एलिया स्मृति दिवस : ‘तारीख़ ने क़ौमों को दिया है यही पैग़ाम’

जौन एलिया, नौजवान नस्ल के पसंदीदा शायर हैं। वे न सिर्फ़ जौन की दिल-आवेज़ शख़्सियत के दीवाने हैं, बल्कि उनके कई मशहूर शे’र, मिसाल के [more…]

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संस्कृति-समाज

जन्मदिन विशेष: मजाज़ की नज़्में तरक़्क़ीपसंद शायरी के मेनिफेस्टो की हैसियत रखती थीं

आज 19 अक्टूबर हर-दिल-अज़ीज़ शायर मजाज़ का जन्मदिवस है। अपनी चवालीस साला ज़िंदगी में मजाज़ ने अदबी दुनिया में ख़ूब नाम कमाया। तरक़्क़ीपसंद शायरों में [more…]

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संस्कृति-समाज

स्मृतिशेष : अमरीक तुम देश छोड़ने को कह रहे थे, दोस्त ! ये क्या किया, तुमने तो दुनिया ही…

जनपक्षधर, जुझारू जर्नलिस्ट और हिंदी-उर्दू-पंजाबी अदब के शैदाई अमरीक अब इस दुनिया में नहीं रहे। बीते शनिवार यानी 5 अक्टूबर को देर रात उन्होंने पटियाला [more…]

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संस्कृति-समाज

अभिनव क़दम: भारतीय किसान और उनकी समस्याओं पर दस्तावेज़ी अंक

जयप्रकाश ‘धूमकेतु’ के संपादन में बीते ढाई दशक से निरंतर निकल रही ‘अभिनव क़दम’, हिन्दी साहित्य की प्रगतिशील विचारों की एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक पत्रिका है। [more…]