ट्विटर पर ट्रेंड किया बैंक कर्मियों का ‘बैंक बचाओ, देश बचाओ’ अभियान

किसानों के बाद अब बैंककर्मियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों की जीत से उत्साहित बैंक कर्मियों को भी लग रहा है कि अगर वह सरकार के खिलाफ गोलबंदी में उतरते हैं तो उनको भी सफलता मिलेगी। इसी कड़ी में बैंककर्मियों ने ‘बैंक बचाओ, देश बचाओ’ के नारे के साथ कार्यक्रमों की एक लंबी फेहरिस्त पेश कर दी है। जिसमें सबसे बड़ा कार्यक्रम 16 और 17 दिसंबर को राष्ट्रीय हड़ताल का है। उसकी तैयारी की कड़ी में बैंक कर्मियों ने राष्ट्रीय स्तर पर कई आयोजन करने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में कल पूरे देश के बैंकर्मियों ने ट्विटर पर अपनी मांगों के समर्थन में अभियान चलाया। जिसको सोशल मीडिया पर बड़ा समर्थन मिला। माइक्रो ब्लॉगिंग के इस प्लेटफार्म पर बैंक कर्मियों का #बैंकबचाओ, देश बचाओ दिन भर ट्रेंड करता रहा।

एक दौर तो ऐसा आया जब ट्वीट की संख्या 2.80 लाख तक पहुंच गयी है। और रात के समय बताया जा रहा है कि वह 3.15 लाख से ऊपर चला गया था। सुबह 8 बजे से शुरू हुआ यह अभियान देर रात तक जारी रहा। और सोशल मीडिया पर लोगों के मिले इस समर्थन से बैंककर्मी बहुत उत्साहित हैं। उनका मानना है कि वो अपने इस अभियान में सफल होंगे और सरकार निजीकरण की अपनी नीतियों से पीछे जाने के लिए मजबूर हो जाएगी।

बैंककर्मियों का कहना है कि इस मामले में बीमाकर्मियों ने भी उनका पूरा सहयोग किया। बैंक वालों के सहयोग में बीमा कर्मचारी संघ के महामंत्री गीता शांत और बिजली कर्मचारियों के महामंत्री अवतार सिंह ने भी अपने साथियों से खूब ट्वीट करवाये।

बैंकों के निजीकरण के खिलाफ युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर बैंक के अधिकारी और कर्मचारी लामबंद हैं। और 7 दिसम्बर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और 9 दिसम्बर को काले फीते बांध कर अपना रोष प्रकट कर चुके हैं। इस सम्बंध में बैंकों और ग्राहकों के मध्य पर्चे भी बाटे गए हैं। जिनमें बताया गया है कि बैंकों का राष्ट्रीकरण क्यों जरूरी है।

अब 16 व 17 को हड़ताल के पहले 15 दिसम्बर को केनरा बैंक चौकी चौराहे पर शाम 5 बजे बैंक कर्मी भारी तादाद में इकट्ठा में होकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।

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