मोदी जी के बैरी भाई चीनी खुफिया एजेंसी के जासूस हैं!

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आप जानते हैं यह कौन हैं? …….नही जानते होंगे! …..ये ‘बैरी भाई’ हैं जी हाँ जैसे मेहुल भाई वैसे ही ‘बैरी भाई’ ……इन्हें मोदी सरकार ने 2020 में पब्लिक सर्विस करने के लिए पदम् श्री दिया था……पब्लिक सर्विस यानी मोदी की सर्विस…..चलिए बाकी डिटेल बाद में बताता हूं पहले आप यह जान लीजिए …..हुआ क्या है।

बैरी गार्डिनर जो लेबर पार्टी के सांसद हैं उन पर ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI5 ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। एजेंसी का कहना है कि एक सांसद के रूप में गार्डिनर ने एक कथित चीनी जासूस क्रिस्टीन चिंग कुई से फंड प्राप्त किया जो ब्रिटेन की संसद में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को नष्ट करने की कोशिश कर रही थी।

क्रिस्टीन चिंग कुई ली लंबे समय से अपनी लॉ फर्म क्रिस्टीन ली एंड कंपनी के माध्यम से गार्डिनर के ऑफिस को फंड मुहैया करवा रही हैं। क्रिस्टीन ली के ऑफिस लंदन और बर्मिंघम में हैं। वे लंदन में चीनी दूतावास की मुख्य कानूनी सलाहकार के रूप में भी कार्य करती हैं।

इस खबर के बाहर आने से पूरे ब्रिटेन में हंगामा मच गया है किसी ब्रिटिश सांसद का चीनी जासूस से सीधा संबंध है यह जानकर वहां के लोग हक्के बक्के रह गए हैं।

भारत का मुख्य मीडिया इतनी बड़ी खबर को दबा गया है कि बैरी गार्डनर के मोदी जी से बहुत पुराने और बेहद घनिष्ठ सम्बंध रहे हैं गार्डिनर कई वर्षों से लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लॉबिंग कर रहे हैं।

गार्डिनर नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री के दिनों से ही मोदी के करीबी माने जाते हैं, जब अमेरिका और यूरोप में उन्हें कोई पसंद नहीं करता था तब गार्डिनर ही मोदी जी की फील्डिंग कर रहे थे।

2008 में लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर वाइब्रेंट गुजरात बिजनेस समिट के पक्ष में यूके के सांसदों से 117 हस्ताक्षर प्राप्त करने में सफल रहे। जब मोदी भारत मे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार इसलिए नहीं बन पा रहे थे क्योंकि विदेशों में उनकी छवि पर गुजरात दंगों का बहुत बड़ा डेंट था तब बैरी गार्डनर ने 2013 में मोदी को ब्रिटिश संसद हाउस आफ कामन्स में एक विशेष कार्यक्रम में द फ्यूचर आफ माडर्न इंडिया विषय पर संबोधन के लिए निमंत्रण दिया था जिसकी बाद में बहुत आलोचना हुई। विरोध प्रदर्शन भी आयोजित किए गए। और इसी वजह से मोदी ने इस आमंत्रण को स्वीकार नहीं किया। लेकिन उन्होंने आमंत्रित करने के लिए बैरी गार्डिनर को धन्यवाद जरूर दिया।

चीनी जासूस से सम्बंध रखने वाले बैरी गार्डिनर मोदी के बहुत बड़े प्रशंसक रहे हैं 2014 और 2019 में मोदी की चुनावी जीत को चिन्हित करने और यूके की यात्राओं पर उनका स्वागत करने के लिए वे लंदन में होने वाले कार्यक्रमों में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने मोदी जी के लिए एक बार कहा कहा, “मैं दुनिया भर के राजनेताओं से मिला हूं और मैं उन्हें उन सभी राजनीतिक नेताओं के शिखर पर रखता हूं जिन्हें मैं जानता हूं। शासन करने की उनकी क्षमता अविश्वसनीय है।”

इसी चापलूसी का पुरस्कार उन्हें मिला जब भारत सरकार की तरफ से उन्हें 2020 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

दरअसल गार्डिनर ब्रिटेन में ब्रेंट नॉर्थ का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस इलाके में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, इसलिए ही उन्हें बैरी भाई की संज्ञा दी जाती है। यहीं पर आरएसएस की विदेशी शाखा, हिंदू स्वयंसेवक संघ; सेवा इंटरनेशनल जैसी संस्थाए सक्रिय हैं जिन्होंने यूरोप में बसे एनआरआई से भारत में आरएसएस के संगठनों के लिए लाखों पाउंड जुटाए हैं।

ब्रिटिश लेबर पार्टी हमेशा भारत के सिविल राइट्स मूवमेंट के साथ खड़ी होती है लेकिन उसके बावजूद पिछले दिनों किसान आंदोलन के समय बैरी से उनका पक्ष जानने के बारे में एक पत्रकार ने सवाल किया तो उनका कहना था कि वह मोदी सरकार का विरोध करने वाले भारतीय किसानों और श्रमिकों के आंदोलनों का समर्थन नहीं करते हैं बल्कि वह सरकार के कॉर्पोरेट-समर्थक कृषि उपायों का समर्थन करते हैं।

तो ऐसे हैं हमारे चीनी जासूस के मित्र पद्मश्री बैरी भाई। बीजेपी के हाथों बिका हुआ मीडिया तो आपको यह सब बताने से रहा।

(गिरीश मालवीय स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। और सोशल मीडिया बेहद खास और प्रतिष्ठित चेहरे हैं।)

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