Thursday, March 23, 2023

उत्तर प्रदेश में भड़काऊ धर्म-संसद कार्यक्रमों पर रोक की मांग तथा महंगाई के खिलाफ ऐपवा का प्रदर्शन

Janchowk
Follow us:

ज़रूर पढ़े

लखनऊ। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने आज सावित्रीबाई फुले जयंती के अवसर पर महंगाई पर रोक लगाने व लड़कियों की KG से PG तक की शिक्षा मुफ्त करने, धर्म-संसद में भड़काऊ भाषण के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में उस पर रोक लगाने आदि मांगों को लेकर सदर तहसील गोमतीनगर लखनऊ पर प्रतिवाद मार्च का आयोजन किया तथा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन SDM को सौंपा।

सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा की राज्य सहसचिव मीना सिंह ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं की Bulli Bai ऐप के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री का इश्तहार करने वाले  महिला विरोधी अपराधियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने इस कुत्सित कृत्य से नफरती सियासत करने वालों ने हमारे राष्ट्र, धर्म, संस्कृति को पूरी दुनिया में शर्मसार किया है।

meena2

उन्होंने कहा कि दिल्ली, हरिद्वार से लेकर रायपुर तक खुलेआम अल्पसंख्यकों के जनसंहार का आह्वान करते हुए जहर उगला जा रहा है, राष्ट्रपिता गांधी को गालियां दी जा रही हैं, देश के पूर्व प्रधानमंत्री को गोली मारने की बात की जा रही है, देश को गृह-युद्ध की ओर धकेला जा रहा है और खुले आम कानून, संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सबसे चिंताजनक यह है कि दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है क्योंकि उन्हें सत्ता संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने मांग किया कि उत्तर प्रदेश में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगाई जाए तथा ऐसे तत्वों को अविलंब गिरफ्तार किया जाय।

सभा को घरेलू कामगार यूनियन की संयोजक मोअज़मा ने कहा कि आसमान छूती महंगाई ने आज आम आदमी का जीवन दूभर कर दिया है। वैसे तो इसका दंश पूरा समाज भोग रहा है, पर असंगठित क्षेत्र के मेहनतकशों के लिये यह असह्य हो गयी है, क्योंकि, महंगाई की यह मार ऐसे समय पड़ रही है जब सरकार की गलत नीतियों और कदमों के चलते लोगों का रोजी-रोजगार भी संकट में है।

उन्होंने कहा कि घर के बिगड़ते बजट की सबसे बुरी मार लड़कियों की शिक्षा पर पड़ रही है, जो पितृसत्तात्मक समाज में पहले से ही उपेक्षित रही है। उन्होंने कहा कि भारत में महिला शिक्षा की अग्रदूत सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि यही होगी कि लड़कियों के लिए उच्चतर स्तर तक, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में भी मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाय।

meena3

सभा का संचालन करते हुए सुषमा ने कहा कि पहले नोटबन्दी, फिर GST और अंततः कोरोना-लॉक डाउन की बदइंतजामी के चलते पूरी अर्थव्यवस्था, कारोबार, नौकरी-धंधा सब चौपट हो गया। इस समय जरूरत इस बात की थी कि सरकार आम जनता के लिए बड़े पैमाने पर राहत पैकेज का एलान करती,लोगों के खाते में जीवन निर्वाह के लिए पैसा डालकर उनकी क्रयशक्ति बढ़ाती। इससे लोगों का जीवन भी आसान होता और ठप पड़ी अर्थव्यवस्था का पुनर्जीवन होता। कारोबार, रोजी-रोजगार के अवसर बढ़ते।

परन्तु सरकार ने बड़े बड़े पूँजीपतियों को तो राहत पैकेज के लिए खजाना खोल दिया लेकिन आम जनता, गरीबों-मेहनतकशों को कुछ नहीं दिया। उल्टे इसी बेकारी के दौर में महंगाई अंधाधुंध बढ़ाकर गरीबों के मुँह का निवाला भी छीन लिया। आम परिवारों के बच्चों की पढ़ाई, परिवार का स्वास्थ्य-दवा-इलाज सब कुछ भगवान भरोसे है।

आज इस बात की जरूरत है कि महंगाई को आंदोलन का बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को इसे नियंत्रित करने और सस्ते दर की दुकानों के माध्यम से सभी जीवनोपयोगी वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए बाध्य किया जाय। चुनाव के इस दौर में इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर सभी पार्टियों को ऐसी नीति बनाने और उसे अपने घोषणापत्र में शामिल करने के लिए मजबूर किया जाय जिससे महंगाई पर स्थायी तौर पर लगाम लगे ।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोगों में थीं- प्रेमा देवी, कमरजहां, मन्ना, रमा देवी, किरण, सुषमा, रीमा पाठक, दुर्गा देवी व सुशीला लोधी आदि।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of

guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest News

भारत में मानवाधिकार के हालात पर अमेरिका की वार्षिक रिपोर्ट, मनमानी गिरफ्तारियों और बुलडोजर न्याय पर सवाल

अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 में भारत में मानवाधिकार की स्थिति पर जारी एक वार्षिक रिपोर्ट में मनमानी गिरफ़्तारियों,...

सम्बंधित ख़बरें