इस्राइल से 1.2 बिलियन डॉलर के करार को लेकर गूगल कर्मचारियों की बग़ावत

मिडटाउन मैनहट्टन में 4 मार्च को गूगल के इस्राइल के लिए प्रबंध निदेशक बराक रेगेव इस्राइली प्रौद्योगिकी उद्योग के संदर्भ में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, तभी एक दर्शक विरोध में उठ खड़ा हुआ। नारंगी टी-शर्ट, जिस पर सफेद गूगल लोगो “नो टेक फॉर अपार्थाइड!” (रंगभेद के लिए प्रौद्योगिकी नहीं!”) लगा हुआ था, पहने प्रदर्शनकारी ने चिल्लाकर कहा, “मैं गूगल क्लाउड सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ और मैं नरसंहार, रंगभेद या निगरानी को सशक्त बनाने वाली प्रौद्योगिकी बनाने से इनकार करता हूँ।” 

कार्यक्रम का एक वीडियो दिखाता है कि गूगल कर्मचारी, 23 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर एडी हैटफील्ड, को दर्शकों ने हूट किया और उसे कमरे से बाहर कर दिया गया। थोड़ा ठहरने के बाद रेगेव ने दर्शकों से कहा, “लोकतान्त्रिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली कंपनी में काम करने का एक फायदा अलग विचारों को स्पेस मिलना भी है।”

तीन दिन बाद गूगल ने हैटफील्ड को निकाल दिया। 

हैटफील्ड गूगल में बढ़ रहे आंदोलन का हिस्सा हैं जो कंपनी को इस्राइल से ऐमज़ान के साथ मिलकर किया 1.2 बिलियन डॉलर का करार, प्रोजेक्ट निम्बस,  रद्द करने को कह रहा है। विरोध समूह “रंगभेद के लिए प्रौद्योगिकी नहीं!” के अब 200 से ज्यादा सदस्य हो गए हैं। सदस्यों के अनुसार सैकड़ों और कर्मचारी उनके लक्ष्य के प्रति सहानुभूति रखते हैं। टाइम ने गूगल के पाँच वर्तमान और पाँच पूर्व कर्मचारियों से बात की, जिनमें से कइयों ने इस्राइल को गज़ा में उसके युद्ध में मदद करने की संभावना पर आक्रोश की बढ़ रही भावना के बारे में बताया। गूगल के दो पूर्व कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने पिछले महीने प्रोजेक्ट निम्बस के विरोध में इस्तीफा दिया था। यह इस्तीफे और हैटफील्ड की पहचान पहले रिपोर्ट नहीं की गई थी। 

रंगभेद के लिए प्रौद्योगिकी नहीं विरोध प्रोजेक्ट निम्बस को लेकर लोग जो जानते हैं और जो नहीं जानते, दोनों संदर्भ में हैं। इस्राइल के वित्त मंत्रालय की 2021 में की गई घोषणा के अनुसार करार गूगल और ऐमज़ान द्वारा इस्राइल सरकार और सेना को एआई और क्लाउड कम्प्यूटिंग सेवाएं मुहैया कराने के लिए है।

निम्बस के तहत गूगल को इस्राइली जमीन पर गूगल क्लाउड का सुरक्षित दृष्टांत लगाना होगा जो इस्राइली सरकार को बड़े पैमाने पर डाटा विश्लेषण, एआई प्रशिक्षण, डाटाबेस होस्टिंग और गूगल की प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से कम्प्यूटिंग के अन्य शक्तिशाली स्वरूपों के इस्तेमाल की अनुमति देगा, कंपनी की बेहद कम निगरानी में।  2022 में इन्टरसेप्ट की तरफ से सबसे पहले रिपोर्ट किए गए गूगल दस्तावेज़ संकेत देते हैं कि क्लाउड के जरिए इस्राइल को प्रस्तावित सेवाओं में एआई सुसज्जित चेहरा पहचानने, स्वचालित तस्वीर श्रेणीबद्ध करने और किसी वस्तु की ट्रैकिंग की क्षमताएं शामिल हैं।   

करार के और विवरण अपर्याप्त हैं या किसी को पता नहीं है। कर्मचारियों के आक्रोश का प्रमुख कारण गूगल की तरफ से पारदर्शिता का अभाव है कि प्रोजेक्ट निम्बस में और क्या-क्या है और यह भी कि इस्राइल के साथ कंपनी के रिश्ते की सम्पूर्ण प्रकृति क्या है। न गूगल, न ऐमज़ान और न ही इस्राइल ने करार के तहत इस्राइल को मुहैया कराई जाने वाली विशिष्ट क्षमताओं के बारे में बताया है। एक बयान में गूगल प्रवक्ता ने कहा” “हम बहुत स्पष्ट हैं कि निम्बस करार हमारे व्यवसायिक प्लेटफॉर्म पर इस्राइल सरकार के वित्त, स्वास्थ्य सेवा, परिवहन और शिक्षा जैसे मंत्रालयों के कार्य संचालन के लिए है। हमारा काम संवेदनशील या फिर क्लासीफाईड सैन्य कार्यों, हथियारों या खुफिया सेवाओं से सम्बद्ध कार्यों के लिए नहीं है।”

गूगल प्रवक्ता ने कहा कि सभी गूगल क्लाउड ग्राहक कंपनी की सेवा शर्तों और नीति के स्वीकार्य इस्तेमाल से बंधे हैं। यह नीति गूगल सेवाओं द्वारा दूसरों के कानूनी अधिकारों के उल्लंघन के लिए या फिर ‘मृत्यु, गंभीर नुकसान या चोट का कारण बनने वाली हिंसा’ के लिए इस्तेमाल को प्रतिबंधित करती है। ऐमज़ान के एक प्रवक्ता ने कहा, “कंपनी का फोकस विश्व की अग्रणी क्लाउड प्रौद्योगिकी के लाभ अपने सभी ग्राहकों तक पहुंचाना है, वह जहां भी हों।” प्रवक्ता ने कहा कि वह युद्ध से प्रभावित कर्मचारियों की मदद भी कर रहे हैं और मानवीय सहायता एजेंसियों के साथ भी कार्य कर रहे हैं। इस्राइली सरकार ने प्रतिक्रिया मांगने पर प्रतिसाद नहीं दिया। 

इसका कोई प्रमाण नहीं है कि गूगल या ऐमज़ान प्रौद्योगिकी नागरिकों को मारने के लिए इस्तेमाल की जा रही है। गूगल कर्मचारी कहते हैं कि उनका विरोध चिंता के तीन प्रमुख स्रोतों पर आधारित है: इस्राइल के वित्त मंत्रालय का 2021 का खुला बयान कि निम्बस रक्षा मंत्रालय द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा; गूगल के क्लाउड में इस्राइली सरकार को मुहैया कराई जाने वाली संभावित सेवाओं की प्रकृति और गूगल की निगहबानी की दर्शनीय अक्षमता कि इस्राइल उसकी प्रौद्योगिकी के साथ कर क्या रहा है। कर्मचारियों की चिंता है कि गूगल की  शक्तिशाली एआई और क्लाउड कम्प्यूटिंग उपकरणों का इस्तेमाल निगरानी, सैन्य निशानों और शस्त्रीकरण के अन्य स्वरूपों के लिए किया जा सकता है। करार की शर्तों के तहत गूगल और ऐमज़ान इस्राइली सेना समेत सरकार की खास शाखाओं को उनकी सेवाओं के इस्तेमाल से रोक नहीं सकते और जनता के दबाव में करार रद्द नहीं कर सकते। 

इस्राइली प्रेस की हालिया रिपोर्ट संकेत देती हैं कि एआई टारगेटिंग प्रणाली की मदद से हवाई गोलाबारी की जा रही है; यह पता नहीं चला है कि कौन सा क्लाउड प्रदाता, यदि कोई है तो, ऐसी प्रणाली चलाने के लिए कम्प्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराता है। गूगल कर्मचारी बताते हैं कि सुरक्षा कारणों से, प्रौद्योगिकी कंपनियां बहुत सीमित जानकारी रखती हैं कि उनके सरकारी ग्राहकों के संप्रभु क्लाउड सर्वरों पर क्या होता है। गूगल के डीपमाइन्ड  एआई लैब के रिसर्च इंजीनियर जैकी के कहते हैं, “क्लाउड ग्राहक क्या करते हैं, निजता कारणों से हमें इस बारे में बहुत जानकारी नहीं होती। लेकिन, हमारे पास क्या आश्वासन है कि ग्राहक सैन्य उद्देश्यों के लिए इस प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग नहीं कर रहे।”

गज़ा में इस्राइल के बमबारी अभियान में एआई की भूमिका के बारे में सामने आ रही नई जानकारियों, इस्राइली सेना द्वारा हाल में विदेशी सहायता कर्मियों की मौत और राष्ट्रपति बाइडेन के भी तुरंत सीज़फायर के लिए इस्राइल से अनुरोध करने से रंगभेद के लिए प्रौद्योगिकी नहीं सदस्यों के अनुसार उनके अभियान की ताकत बढ़ रही है। गूगल के भीतर पिछली बार जब कर्मचारी संगठित हो रहे थे तो कंपनी को 2018 में एक पेंटागन करार त्यागने के लिए दबाव डाला गया था।

अब, गज़ा में इस्राइल के युद्ध से क्षति के खिलाफ बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय आक्रोश के माहौल में कई कर्मचारी गूगल द्वारा हैटफील्ड को हटाने को अपने व्यवसाय को बढ़ते खतरे को चुप कराने के प्रयास के रूप में देखते हैं। इस लेख के लिए ऑन रिकार्ड बातचीत के लिए तैयार हुए हैटफील्ड ने कहा, “मुझे लगता है कि गूगल ने मुझे इसलिए हटाया कि उन्हें गूगल में इस आंदोलन का जोर पकड़ना दिख रहा है। मुझे लगता है कि मुझे निकालकर वह मेरी मिसाल पेश करना चाहते थे कि अन्य कर्मचारी सबक लें।” 

हैटफील्ड बताते हैं कि उनका यह विरोध-प्रदर्शन आंतरिक प्रयास की परिणति ही था। उन्होंने पहले गूगल नेताओं के समक्ष प्रोजेक्ट निम्बस के बारे में सवाल उठाए थे पर हासिल कुछ नहीं हो रहा था। वह बताते हैं, “मुझे मेरे प्रबंधकों ने कहा कि इन चिंताओं से मेरा कार्य प्रभावित हो सकता है और मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए। यह विडंबनापूर्ण ही है क्योंकि मैं इसे अपने कार्य के अंग के रूप में देखता हूँ। मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा हूँ कि मेरे कार्य का इस्तेमाल करने वाले सुरक्षित हैं। मैं वह कार्य कैसे कर सकता हूँ यदि मुझे नहीं लगता कि वह सुरक्षित हैं?”  

सम्मेलन में बाधा डालने के तीन दिन बाद, हैटफील्ड को अपने गूगल प्रबंधक और मानव संसाधन प्रतिनिधि के साथ बैठक में बुलाया गया। उनसे कहा गया कि उन्होंने कंपनी की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाया है और उन्हें तुरंत प्रभाव से हटाया जा रहा है। गूगल प्रवक्ता ने टाइम को दिए बयान में कहा, “इस कर्मचारी ने एक सहकर्मी को प्रेज़ेन्टेशन देते समय बाधित किया – कंपनी प्रायोजित कार्यक्रम में हस्तक्षेप किया। मुद्दा चाहे जो हो, यह व्यवहार सही नहीं है और कर्मचारी को हमारी नीतियों के उल्लंघन को लेकर निकाला गया।” 

हैटफील्ड को हटाया जाता देखकर विदाना अबदेल खलेक ने निर्णय लिया कि उन्हें भी कंपनी से इस्तीफा दे देना चाहिये। 25 मार्च को उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई समेत कंपनी नेताओं को ई-मेल भेजकर प्रोजेक्ट निम्बस के विरोध में इस्तीफे की घोषणा की। पूर्व विश्वास एवं सुरक्षा नीति कर्मचारी ने मेल , जो टाइम ने देखी है, में कहा, “कोई भी गूगल में आक्रामक सैन्य प्रौद्योगिकी पर काम करने नहीं आया।” मेल में गज़ा पर इस्राइली हमलों में 13,000 से अधिक बच्चों की मौत, मानवीय मदद और शिपमेंट तक पहुँचने का प्रयास कर रहे फ़िलस्तीनियों पर गोली चलाने और शरणार्थियों को निकालने वाले काफिलों पर गोली चलाने की घटनाओं और इस तरह इन भयावह घटनाओं में योगदान का जिक्र है।

कर्मचारियों का कहना है कि गूगल का इस्राइल के साथ रिश्ता कंपनी के एआई सिद्धांतों का उल्लंघन है, जिसके अनुसार कंपनी एआई के ऐसे ऐप्लीकेशन पर जोर नहीं देगी जो “नुकसान” का कारण बनते हैं, “शस्त्रों और अन्य प्रौद्योगिकियों” में योगदान करते हैं, जिनका उद्देश्य चोट पहुंचाना, या ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करना “जिनका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों के स्वीकृत सिद्धांतों के विरुद्ध है।”

खलेक कहती हैं, “यदि आप क्लाउड एआई प्रौद्योगिकी एक ऐसी सरकार को देते हैं जिसके बारे में आप जानते हैं कि वह नरसंहार कर रही है और आप जानते हैं कि वह इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल निर्दोष नागरिकों को नुकसान पहुँचाने के लिए कर रही है तो आप तटस्थ तो नहीं ही रह गए। एक तरह से आप इसमें शामिल हो गए हैं।” 

कंपनी की एआई शाखा गूगल डीपमाइन्ड के दो कर्मचारियों ने आशंका जताई कि लैब की अपने एआई उपकरणों के सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल को रोकने की उसकी क्षमता पिछले साल इसके ढांचे में परिवर्तन से कम हो गई है। जब 2014 में गूगल ने इसका अधिग्रहण किया, डीपमाइन्ड ने एक करार किया कि उसकी प्रौद्योगिकी कभी सैन्य अथवा निगरानी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं की जाएगी। लेकिन प्रशासन में परिवर्तनों की शृंखला के साथ डीपमाइन्ड उन्हीं एआई सिद्धांतों के साथ बंध गई जो गूगल पर लागू होते थे। उन सिद्धांतों ने गूगल को पेंटागन और इस्राइल के साथ लाभकारी सैन्य करार करने से रोका नहीं है।

डीपमाइन्ड के एक कर्मचारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर,  क्योंकि वह सार्वजनिक रूप से बोलने को अधिकृत नहीं हैं, कहा, “भले अतीत में डीपमाइन्ड सैन्य एआई या रक्षा करारों पर कार्य न करना चाहती हो, मुझे लगता है कि अब यह हमारा निर्णय नहीं रह गया। गूगल डीपमाइन्ड सीमांत एआई मॉडल विकसित करती है जो (गूगल क्लाउड के वर्टेक्स एआई प्लेटफॉर्म) पर लगाए जाते हैं और उसके बाद सरकारी और अन्य ग्राहकों को बेचे जा सकते हैं।” उनका एक ग्राहक इस्राइल है। 

डीपमाइन्ड कर्मचारी के कहते हैं, “ गूगल क्लाउड पर जारी किए जाने वाले किसी एआई मॉडल में योगदान करते हुए मैं तभी सहज महसूस करूंगा जब थोड़ी जवाबदेही हो अर्थात यदि, उदाहरण के तौर पर, यह अंतर्राष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन में निगरानी या सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल हो रही है तो इसका इस्तेमाल रद्द किया जाए। यह सिद्धांत डीपमाइन्ड के विकसित एप्लीकेशन  पर लागू होते हैं लेकिन यह अस्पष्ट है कि यह गूगल ग्राहकों पर लागू होते हैं या नहीं।”  

गूगल प्रवक्ता ने डीपमाइन्ड के बारे में सवालों पर प्रतिसाद नहीं दिया। 

अन्य गूगल कर्मचारी प्रोजेक्ट निम्बस के बारे में गूगल क्लाउड के चिंता के स्रोत की तरफ इशारा करते हैं।  क्लाउड प्रौद्योगिकी, जो कंपनी सामान्य तौर पर अपने ग्राहकों को मुहैया कराती है में एक उपकरण शामिल होता है ऑटोएमएल जो उपयोगकर्ता को किसी खास डाटासेट का इस्तेमाल करते हुए एक मशीन लर्निंग मॉडल को प्रशिक्षित करने की अनुमति देता है। टाइम से बातचीत करने वाले तीन कर्मचारियों ने कहा कि इस्राइली सरकार ऑटोएमएल का इस्तेमाल निगरानी अथवा टारगेटिंग उपकरण विकसित करने के लिए कर सकती है। इसका कोई प्रमाण नहीं है कि इस्राइल ने गूगल क्लाउड का इस्तेमाल ऐसा उपकरण बनाने के लिए किया है, हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स ने हाल में रिपोर्ट किया था कि इस्राइली सैनिक गूगल फ़ोटोज़ पर आसानी से उपलब्ध चेहरे की पहचान करने वाले फीचर का इस्तेमाल नायकों पर संदिग्धों की शिनाख्त के लिए अन्य गैर गूगल प्रौद्योगिकी के साथ कर रहे थे। गूगल के पूर्व अनुसंधानकर्ता गैब्रियल शुबिनर कहते हैं, “ऐसी संस्था को शक्तिशाली प्रौद्योगिकी मुहैया कराना जिसने युद्ध के सभी हिस्सों के लिए एआई के दुरुपयोग व शस्त्रीकरण की इच्छा का प्रदर्शन किया हो, एक अनैतिक फैसला है। यह गूगल क्लाउड में कार्य करने वाले सभी इंजीनियरों के साथ धोखा है।”  

एक गूगल प्रवक्ता ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या प्रोजेक्ट निम्बस के तहत इस्राइल को ऑटोएमएल मुहैया कराया गया है। 

रंगभेद के लिए प्रौद्योगिकी नहीं के सदस्यों का कहना है कि यह मानना भोलापन ही होगा कि इस्राइल गूगल का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर हिंसक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल नहीं कर रहे। गूगल की एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर रेचल वेस्ट्रिक ने कहा, “यदि प्रौद्योगिकी कैसे इस्तेमाल की जा रही है, उस पर हमारी निगाह नहीं है तो इस्राइली सेना इसका इस्तेमाल हिंसक उद्देश्यों के लिए करेगी ही।”

गूगल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद खतामी कहते हैं, “व्यापक स्थानीय क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्राइल की सीमाओं के भीतर निर्माण करना इस्राइली सरकार के कहने मुताबिक  मुख्य तौर पर जानकारी इस्राइल में ही उनकी कड़ी सुरक्षा में रखना है। लेकिन हम यह जानते ही हैं कि इसका मतलब वह हमारी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, चाहे जिस उद्देश्य से, और हमारे बनाए दिशानिर्देशों से परे करना चाहें, हम उन्हें खुली छूट दे रहे हैं।”  

गूगल के वर्तमान और पूर्व कर्मचारी यह भी कहते हैं कि आंतरिक तौर पर वह प्रोजेक्ट निम्बस के खिलाफ या फ़लस्तीनियों के समर्थन में बोलने पर डरते हैं क्योंकि उन पर कार्यवाही किए जाने का खतरा है। प्रोजेक्ट निम्बस के विरोध में इस्तीफा देने वाली खलेक कहती हैं, “मैं सैकड़ों लोगों को जानती हूँ जो विरोध कर रहे हैं लेकिन अपनी नौकरी खोने के डर से या बदले की कार्यवाही किए जाने की आशंका से डरे हुए हैं। हैटफील्ड को निकाला जाना, सीधी, स्पष्ट जवाबी कार्यवाही थी। यह गूगल की तरफ से संदेश था कि हमें इस बारे में बात नहीं करनी।”    

गूगल प्रवक्ता ने इनकार किया कि हैटफील्ड को निकाले जाने की कार्यवाही बदले की कार्यवाही थी। 

इस सबके बावजूद, कर्मचारियों के अनुसार आंतरिक प्रतिरोध बढ़ रहा है। वेस्ट्रिक कहती हैं, “मुझे लगता है कि एडी ने जो किया, गूगल चाहती है कि उसे हम एक अकेली घटना के रूप में देखें, जो कहीं से सच नहीं है। एडी ने जो बातें कहीं कंपनी में कई लोग वैसा ही सोचते हैं। लोग अपने श्रम का इस्तेमाल रंगभेद के लिए होने से तंग आ गए हैं।” 

यूट्यूब सॉफ्टवेयर इंजीनियर और रंगभेद के लिए प्रौद्योगिकी नहीं की जेल्डा मोंटेस कहती हैं, “हम नहीं रुकने वाले। मैं निश्चित रूप से कह सकती हूँ कि यह ऐसी बात नहीं जो बेमौत मर जाए। यह और मजबूत होने वाली है।” 

(रिपोर्ट व तस्वीर “टाइम” से साभार। अनुवाद : महेश)

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