नोएडा की एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले 32 वर्षीय मजदूर जय राम पासवान पुत्र राजदेव पासवान 8 सितंबर को अपने पैतृक गांव बारा शंकर, पोस्ट बखरी थाना पतही, जिला पूर्वी चंपारण बिहार के लिये निकले। उन्हें आनंद बिहार टर्मिनल से सप्तक्रांति ट्रेन पकड़नी थी, जहां उनका चचेरा भाई टिकट लिये उनकी प्रतीक्षा कर रहा था। लेकिन निजी बस सेवा के दलालों ने उन्हें मार पीटकर, उनके एटीएम से पैसा निकलवाये और जोर जबर्दस्ती उनका 1800 रुपये का टिकट काटकर उन्हें बिहार जाने वाली बस में बैठा दिया। यही न्यू इंडिया है जहां जोर जबर्दस्ती की सत्ता है। आप अब राजधानी दिल्ली में यह फैसला तक नहीं कर सकते हैं कि आपको अपने घर सस्ती ट्रेन से जाना है न कि महंगी निजी बस से।
जयराम पासवान जनचौक से 8 सितंबर को अपने साथ घटित हुयी घटना का जिक्र करते हुये बताते हैं कि उस दिन दोपहर 12:30 बजे आनंद बिहार बस अड्डा पहुंचकर एक ऑटो से उतरे। आनंद बिहार बस अड्डे के सामने दो अनजान लड़कों ने जबर्दस्ती बात करते हुये पूछा कहां जाना है। जयराम ने चलते चलते जवाब दिया कि बिहार जाना है। ट्रेन पकड़ना है। तो दोनों लड़कों ने जयराम से ट्रेन का टिकट दिखाने को कहा। जयराम ने उन्हें बताया कि टिकट मेरे चचेरे भाई अशोक के पास है जो कि आनंद बिहार रेलवे स्टेशन पर मेरा इंतज़ार कर रहा है। साथ ही जयराम ने कहा कि आप लोग हो कौन जो मैं आपको टिकट दिखाऊं। तब उन लोगों ने कहा कि चलो तुम्हें बिहार जाने वाली बस में बैठा दूं। जब जयराम ने विरोध किया कि उन्हें बस से नहीं ट्रेन से जाना है उन्हें धमकाते हुये उन लोगों ने कहा कि तुम बस में ही जाओगे।
एक बार फिर हिम्मत करके जयराम ने कहा कि उसे ट्रेन में जाना है, और चचेरा भाई स्टेशन पर उसका इंतज़ार कर रहा है, तो वो लोग उनको टॉर्चर करने लगे। उसके बाद दोनों लड़कों ने जयराम को जबर्दस्ती खींचकर आनंद बिहार बस अड्डे के सामने से रोड पार करवायी। उनमें से एक लड़के ने जबर्दस्ती जयराम के कंधे से उसका बैग उतार लिया। और पेट्रोल पम्प के पास बने एक ऑफिस में ले गये। ऑफिस के अंदर जयराम की सारी जेबों की तलाशी ली गयी। और पैंट की पिछली जेब से 1200 रुपये जबर्दस्ती निकाल लिये। वहीं ऑफिस में बैठे लड़के ने जयराम की जेब से उनका आधार कार्ड और मोबाइल निकाल लिया। फिर उन लोगों ने पूछा कि तेरे पास और पैसे हैं। जब जयराम ने मना किया तो उनमें से एक लड़के ने उनकी पर्स से उनका एचडीएफसी बैंक का एटीएम कॉर्ड निकाल लिया और फिर जयराम को पास के INDUSIND बैंक के एटीएम से डरा धमकाकर शेष बचे 600 रुपये भी निकाल लिये और जयराम को वापस लाकर ऑफिस में बंद कर दिया।
जयराम आगे बताते हैं कि फिर उन लोगों ने ‘वीएस बस सर्विस’ के नाम से बिहार के लिए 1800₹ का रशीद काट कर जयराम को थमा दिया। और उन्हें जबरन उन लोगों का पहले से सेट एक ई-रिक्शा में चढ़ाकर नोएडा दल्लूपुरा की ओर भेज दिया। जयराम बताते हैं इस दरम्यान वो लगातार उनकी गिरफ़्त से निकलने के कोशिश करते रहे, और रास्ते में लोगों को देखते ही चीख चिल्ला कर बोले कि यह लोग हमें जबरन खींच कर ले जा रहे हैं। लेकिन गिरोह का झुंड बेपरवाह अपने रास्ते उन्हें लेकर चला जा रहा था। दल्लूपुरा ले जाते वक्त ही जयराम को पता चला कि ऐसे ही दो तीन और लोगों के साथ भी उन लोगों ने ऐसी जोर जबर्दस्ती करके पैसा छीनकर उनको बस के लिए भेजा है।
ई रिक्शा द्वारा नोएडा मोड़ पर छोड़े जाने के बाद मौका पाकर जयराम ने 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को सूचित कर दिया। बिना देर किये पुलिस जयराम के पास पहुंची। और पुलिस जयराम को लेकर आनंद बिहार पेट्रोल पम्प के पास बने उस ऑफिस में लेकर गयी जहाँ जयराम को जबर्दस्ती खींचकर ले जाया गया था। जहाँ एक लड़का मिला जिसने अपना नाम समीर पुत्र ताहिर मकान नंबर 13 गली नंबर 1 पीर कॉलोनी साहिबाबाद ग़ाज़ियाबाद उम्र 19 वर्ष बताया। इसी समीर नाम के लड़के ने ही अपने दो साथियों के साथ मिलकर जयराम के साथ मारपीट करके उनका आधार कार्ड़ नंबर और मोबाइल व पैसे छीन लिये थे। फिलहाल पटपड़गंज थाने में धारा 365, 392, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज़ किया गया है।
जयराम के बाबत सूचना पाकर कुछ ट्रेड यूनियन के साथी पुलिस द्वारा दल्लूपुरा पर खड़े किए गए बस को यात्री समेत रोकने का, और उक्त मजदूर के थाने में रहने की सूचना मिलने से पटपड़गंज थाने पहुंच गये। रात करीब 11.30 बजे तक एफआईआर दर्ज हुई। अगले दिन भी सुबह से दोपहर 1 बजे तक थाने में औपचारिक कार्यवाही चली।
एफआईआर संख्या 0339/2021, 08/09/2021, U/S:IPC 1860-34,392,365, दर्ज़ करके एएसआई राज पाल सिंह को मामले की जांच के लिये जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
एएसआई राजपाल सिंह ने जनचौक को बताया है कि 2 आरोपी समीर और सन्नी चौहान गिरफ्तार कर लिये गये हैं तीसरा आरोपी अभी फरार है। एएसआई ने आगे बताया है कि जयराम पासवान के अलावा कोई और पीड़ित सामने नहीं आया है। एटीएम से जबर्दस्ती पैसे निकलवाने के मामले की अभी जांच चल रही है।
बिहार जाने वाले मजदूरों को डरा धमकाकर बस में बैठा दिया जाता है
सबसे अहम बात है कि आनंद विहार बस अड्डा और रेलवे स्टेशन में पूर्व की ओर बिहार, यूपी जाने वाले मजदूरों के साथ ऐसा ही बर्ताव किया जाता है। जबरन पैसा खींच कर, मनमाने तरीके से ज्यादा किराए के नाम पर बस में चढ़ा दिया जाता है। इस गिरोह का पूरा एक नेटवर्क है, जो मजदूरों को स्टेशन जाने वाले रास्ते से पकड़कर, बस गुमटी ले जाता है, जहाँ ई-रिक्शा से लेकर कहीं नोएडा पर खड़े किए गए बस तक पहुंचाने का सारा इंतजाम रहता है। ये गिरोह आनंद विहार से बिहार, पूर्वी यूपी, बंगाल जाने वाले मजदूरों, गरीब लोगों को इस तरह टॉर्चर करते हैं और फिर उन्हें लूटते हैं। यह केवल निजी बस सेवा की बात नहीं है सभी क्षेत्रों की निजी सेवायें ऐसे ही लोगों को डरा धमकाकर उन्हें टॉर्चर करके की जाती हैं।
तो क्या इसीलिये बंद की गया है 100 से अधिक ट्रेनों का परिचालन
मई 2021 में उत्तर रेलवे ने सूचित किया था कि यात्रियों की कमी के चलते भारतीय रेलवे ने लगभग 100 ट्रेनों का परिचालन अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया। दलील दी गई कि जिन रास्तों पर यह ट्रेनें चल रही थीं वहां यात्रियों की संख्या कम थी।
उत्तर रेलवे की तरफ से जारी किये गये नोटिस के अनुसार 28 ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है। साथ ही उत्तर रेलवे ने यह भी जानकारी दी थी कि कई ट्रेनों के परिचालन दर कम कर दिए गए हैं जो सप्ताह में तीन दिन चलती थीं उन्हें सप्ताह में एक दिन कर दिया गया है। उत्तर रेलवे द्वारा 28 ट्रेनें रद्द की गई हैं।
वहीं केंद्रीय रेलवे डिवीजन ने भी 10 मई से 24 ट्रेनों के परिचालन को 30 जून तक बंद करने का फैसला लिया था। जबकि मध्य रेलवे ने 23 यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया था इनमें नागपुर-कोल्हापुर स्पेशल 29 जून तक, सीएसएमटी-कोल्हापुर स्पेशल 1 जुलाई तक, सीएसएमटी-पुणे स्पेशल 30 जून तक शामिल थीं। मियांद खत्म होने के बाद भी कई ट्रेनें रद्द चल रही हैं। जबकि बिहार, बंगाल, उड़ीसा को जाने वाली ट्रेनों में हमेशा ही भीड़ रहती है। छठ, दिवाली और होली जैसे त्योहार पर तो ट्रेनों में लोग अंटते नहीं है।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)
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