Thursday, April 25, 2024

योगी ने यूपी को अंधेरनगरी बना दी है, मोदी 700 किसानों की मौत पर मौन हैं, 5 साल कहां थे अखिलेश: प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज मुरादाबाद में प्रतिज्ञा रैली को संबोधित किया। उनके पहुंचने से पहले ही डेढ़ लाख वर्ग फीट का ग्राउंड खचाखच भरा हुआ था। प्रियंका गाँधी के साथ मंच पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे।

700 किसानों की मौत पर प्रधानमंत्री मोदी मौन हैं 

प्रियंका गांधी ने मुरादाबाद की प्रतिज्ञा रैली में 700 किसानों की मौत और गन्ना किसानों के बकाये का मुद्दा उठाते हुये कहा – “सात सौ किसान शहीद हो गये। लेकिन मोदी ने दो मिनट भी नहीं बोला। लखीमपुर में किसानों को कुचलकर मारा गया। किसान कह रहे हैं कि गृहराज्यमंत्री को हटाओ लेकिन वो लगातार मंच पर मिलते हैं।

गन्ना किसानों का चार हजार रुपये बकाया है, पर मोदी जी ने आठ हजार करोड़ का जहाज खरीद लिया। 20 हजार करोड़ संसद के सुंदरीकरण के लिए खर्च किया जा रहा है, पर आपके लिए कुछ नहीं है। लोग महंगाई से तड़प रहे हैं। 

महिलाओं को 40% टिकट, स्कूटी, स्मार्टफ़ोन 

कांग्रेस महासचिव ने ‘महिला संकल्प पत्र’ की घोषणाएं मुरादाबाद की रैली में दोहराते हुये कहा – “महिलाओं का शोषण हो रहा है। उन्हें कुचला जा रहा है। कोई कुछ नहीं कर रहा है। सब कुछ विज्ञापन में है। आपके लिए लड़ने वाली महिला कैसे आगे बढ़ेगी। 40 फीसदी टिकट देंगे। हो सकता है कि कुछ न जीतें लेकिन वे सशक्त होंगी। लड़कियों बताओ कि लड़ना चाहती हो कि नहीं? ये स्कूटी और स्मार्टफोन आपके लिए है। सशक्त बनो। मैं साथ खड़ी हूँ। ये राजनीति बदल जायेगी।

किसान कर्ज़ माफ़, बिजली बिल हाफ

प्रियंका गांधी ने रैली में कांग्रेस का प्रतिज्ञा संकल्प दोहराते हुये कहा, “किसानों के लिए कर्ज़ा माफ़ करेंगे। बिजली बिल हाफ होंगे। कोरोना काल का बकाया साफ किया जायेगा। आपने ऑक्सीजन मांगा तो सरकार आपके पीछे पड़ गयी। कोरोना काल में सबका व्यापार कम हुआ। हम मदद करेंगे। सबसे गरीब परिवार, जिन्हें कोरोना से सबसे ज़्यादा परेशानी हुई, उन्हें 25 हजार की मदद करेंगे। अगर हमारी सरकार आयेगी, तो कोई भी बीमारी हो दस लाख तक का इलाज सरकार मुफ्त में करायेगी। वृद्धा एवं विधवा पेंशन में हजार रुपये देंगे। आरक्षण नियमों को लागू करते हुए 40 फीसदी नौकरी महिलाओं को मिलेंगी।

लोकतंत्र में जनता जिन्दाबाद है। मेरी शिकायत है कि आप नेताओं से हिसाब नहीं मांगते। चुनाव में सफाई कर्मियों के साथ मोदी जी फोटो खिंचवाते हैं और आगरा में अरुण बाल्मीकि को तीन दिन हिरासत में रखकर मार दिया जाता है। हाथरस में दलित बेटी का बलात्कार किया जाता है मार दिया जाता है। प्रशासन बिना घर को बताये चिता जला देता है। किसानों को देशद्रोही, आंदोलनजीवी सब कहा, अब कह रहे हैं कि मुझे माफ करिये। माफ मत कीजिए, हिसाब मांगिये…कोरोना काल में लापरवाही हुई, तो हिसाब मांगिये। नेताओं से रिश्ता बदलो, उनसे हिसाब मांगो।

इससे पहले प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन की शुरुआत मुरादाबाद से अपनी ससुरैती संबंध को जोड़ते हुये किया। उन्होंने रैली को संबोधित कते हुये कहा – “

आप सबका मेरे ससुराल में बहुत स्वागत। ससुराल वालों आपसे माफी चाहती हूँ कि बहुत दिन बाद आयी हूँ। आपके शहर ने मेरे परिवार को संरक्षण दिया। उनको खड़ा किया। बंटवारे के बाद मेरे ससुर जी के पिता मुरादाबाद आये।यहीं से कारोबार शुरू किया। यहां के हुनर, यहां के लोगों की मदद से उन्होंने अपने बच्चों का भविष्य बनाया।

नोटबंदी से मुरादाबाद 2 लाख लोगों की रोटी रोजी खत्म हुई 

मुरादाबाद के पारंपरिक पीतल व्यवसाय के बाबत प्रियंका गांधी ने कहा – “मुरादाबाद पीतलनगरी के रूप में पूरी दुनिया मे जाना जाता है। शादी के वक्त ये एक खुशहाल शहर था। व्यापारियों से लेकर मज़दूरों की मेहनत के साथ-साथ ऐसी सरकार थी जिसने आपकी मदद की। उसमें एक्सपोर्ट काउंसिल बनी, निर्यातकों को हर तरह से मदद दी गयी। मेरे पिता राजीव जी ने हर तरह से मदद की।

उस समय आठ हजार करोड़ का निर्यात होता था, आज दो हजार का हो रहा है। दो लाख लोगों की रोटी-रोजी खत्म हुई। बीजेपी सरकार की नीति से व्यापारी बरबाद हुए। नोटबंदी से कोई काला धन वापस नहीं आया। जीएसटी ने व्यापारियों की कमर तोड़ी। कारीगरों की दिहाड़ी आधी हुई। बिजली डीजल महंगा, कच्चा माल महंगा। ब्याज पर सब्सिडी कम की।

अंधेर नगरी चौपट राजा

यूपी के माफियाराज को उजागर करते हुये उन्होंने कहा -“ज़मीन का माफिया, नदी माफिया, बालू माफिया, पढ़ाई का माफिया, इम्तहानों का माफिया। जहां देखो माफिया ही माफिया है। मुझे आश्चर्य है कि कहीं सांस का माफिया न हो  और सांस के लिए लोगों से हफ्ता न लिया जाये। ये हालात हैं आपके प्रदेश के।

इसके बाद अपने संबोधन में उन्होंने यूपी के मौजूदा निजाम योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथ लेते हुये कहा – “आपने पीतल नगरी बनाई। इन्होंने अंधेर नगरी बनाई, जिसका चौपट राजा है। टीईटी का पेपर आउट हुआ। ये पहली बार नहीं हुआ।  12 बार पेपर आउट हो चुका है। योगी जी कहते हैं कि नौकरी योग्य लोग नहीं हैं। हर तरफ नौजवान बेरोज़गारी का शिकार हैं। जहाँ जाइये यही सवाल उठ रहा है।

व्यापारी मिलना चाहते हैं योगी जी से, उनके पास समय नहीं है। बघेल जी मिले लखनऊ में तो उन्होंने कहा। बघेल जी ने कहा कि यूपी में जाति और सांप्रदायिकता की राजनीति इतनी भयानक है, मुख्यमंत्री जानते हैं कि वे चुनाव के समय यह कहकर चुनाव जीत कर चले जायेंगे। जब तक वोट विकास के आधार पर नहीं डलेगा, ये सिलसिला चलता रहेगा। जब तक ये नहीं पूछा जायेगा कि हमारे शहर के लिए आपने क्या किया, तब तक इसी तरह की राजनीति में आप फंसे रहेंगे। 

मुझे आपसे बहुत बड़ी शिक़ायत है कि जब तक आप इस तरह की राजनीति करोगे कोई बदलाव नहीं होगा। आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। आपने नेताओं को सिखाओ, जवाबदेह बनाओ। कांग्रेस पार्टी सिर्फ़ और सिर्फ़ विकास पर लड़ेगी।

पांच साल कहां थे अखिलेश 

अपने संबोधन के अगले हिस्से में उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुये कहा कि सपा में जातिवाद और गुंडई, बसपा में लूट देखी। नया नारा है आ रहे हैं अखिलेश— मैं पूछना चाहती हूं कि बिजनौर में जब एक नौजवान अनस और सुलेमान के मामले में क्या अखिलेश जी आये, लखीमपुर खीरी में क्या नरसंहार के बाद अखिलेश जी आये, सीएए-एनआरसी के समय क्या अखिलेश जी आये, तो चुनाव के समय अखिलेश जी क्यों आये। पांच साल में कहां थे जब कांग्रेस के 18 हजार कार्यकर्ता जेल में थे, अजय लल्लू जी जेल में थे, दलितों पर हाथरस में फाफामऊ में दलितों की हत्या और बलात्कार हुआ, बसपा के नेता कहां थे, उन्होंने आवाज़ क्यों नहीं उठायी। क्योंकि सब सोचते हैं कि आपकी पीड़ा से उनकी राजनीति से कोई मतलब नहीं है। सब सोचते हैं कि जाति और संप्रदाय के नाम पर आपसे वोट ले लेंगे। ये सोच आपको बदलवानी है। किसानों की शहादत ने ये देश बनाया है। आपके पूर्वजों ने संघर्ष करके आज़ादी दिलायी। इसमें आपसे मजबूत कोई नहीं है। कोई ऐसी जंग नहीं है जो बिना लड़े जीती जाती हो। जो कह रहे हैं कि हम जीतेंगे वे जब लड़ ही नहीं रहे हैं तो जीतेंगे कैसे? 

इस देश को बदलना है, इस प्रदेश को खाईं से निकालना है तो बहुत समझदारी से वोट देना पड़ेगा। मैं आपको मौका देन चाहती हूं राजनीति को बदलने का। राजनीति को विकास पर आधारित बनाओ। देश आपका है, किसी की जागीर नहीं है। कोई कितना भी बड़ा हो, उसकी जागीर नहीं है। अपने परिवार, देश को संभालो। सही निर्णय यही है कि चुनाव के समय विकास होना चाहिए। बारिश हो रही है तो और कष्ट नहीं दूंगी। अगले बार अपने पति के साथ आऊंगी अपने ससुराल। आप सबको मिलवाऊंगी। 

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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