नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यौन उत्पीड़न की शिकार एक दलित लड़की की एंबुलेंस से गिरकर मौत हो गई है। युवती अपने चाचा के शव को पोस्टमार्टम के बाद घर लेकर आ रही थी। लेकिन अस्पताल से कुछ दूर आगे बढ़ने पर ही एंबुलेंस से संदिग्घ परिस्थितियों में युवती अंजना अहिरवार के गिरकर मरने की खबर साने आई है। शव वाहन में उसके माता-पिता भी थे।
दरअसल, शनिवार रात को कुछ लोगों ने अंजना के चाचा राजेंद्र अहिरवार की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अंजना अपने चाचा के शव को लेकर आ रही थी जब उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। सागर के एएसपी लोकेश सिन्हा ने मीडिया को बताया कि 24 वर्षीय राजेंद्र अहिरवार की खुरई में दो समूहों के बीच झड़प हुई थी। इसी में वह घायल हुए थे, बाद में उनकी मौत हो गई।
दरअसल दबंगों पर यौन उत्पीड़न करने की शिकायत करने के बाद पीड़ित युवती अंजना अहिरवार की संदिग्ध मौत की यह पहली घटना नहीं है। पुलिस में शिकायत किए जाने के बाद से ही दबंग सवर्णों द्वारा पीड़ित परिवार पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। पीड़िता का भाई नितिन अहिरवार शिकायत वापस लेने को तैयार नहीं हुआ। जिसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। गांव के दबंग ठाकुरों ने पीड़िता के भाई नितिन की पिछले साल यानि अगस्त 2023 में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। और पीड़िता की मां को नंगा करके घुमाया था। तब यह मामला देश भर के अखबारों की सुर्खियां बनी थी।
तब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह औऱ कमलनाथ ने शिवराज सिंह सरकार पर हमला बोला था। लेकिन अब राज्य में शिवराज सिंह चौहान के स्थान पर मोहन यादव आ गए हैं लेकिन उक्त परिवार को न्याय मिलने की जगह परिवार के अधिकांश सदस्यों को ही एक-एक करके खत्म कर दिया गया। अब पिछले शनिवार को दबंगों ने पीड़िता के चाचा को भी पीट-पीटकर मार डाला।
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी सोशल मीडिया एक्स पर लिखते हैं कि “सागर जिले की खुरई विधानसभा के बरोदिया नोनागिर गांव में राजेन्द्र अहिरवार नामक युवक पर राजीनामा करने के दबाव में पांच लोगों द्वारा हमला किया जाता है। गंभीर रूप से घायल राजेन्द्र का उपचार के लिए भोपाल ले जाते समय निधन हो जाता है। 26 मई को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाता है। शव वाहन में ड्राइवर, मृतक की भतीजी अंजना अहिरवार और मृतक के माता-पिता बरोदिया नोनागिर के लिए निकलते हैं। खुरई बायपास पर अंजना शव वाहन से गिर जाती है और उसकी भी मौत हो जाती है। यहां उल्लेखनीय यह भी है कि अंजना के भाई नितिन अहिरवार की अगस्त 2023 में बरोदिया नोनागिर में ही सरेआम हत्या कर दी थी। उसका परिवार आज भी इंसाफ के लिए भटक रहा है।”
अगस्त 2023 में हुए नितिन अहिरलार की हत्या में राजेंद्र अहिरवार गवाह था। हमलावर उससे शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे थे।
दरअसल, सागर में दबंगों ने चार साल पहले (2019) एक दलित लड़की का यौन उत्पीड़न किया था। जिस पर समझौता न करने पर 2023 में उसके भाई की बेरहमी से पीट कर हत्या कर दी है और जब उसकी मां बचाव करने को गई तो आरोपियों ने उसे भी निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया है। तब पुलिस ने मामला दर्ज कर 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें 3 आरोपियों पर हत्या बलवा व SC/ST की धाराओं में मामला दर्ज किया गया। और गांव में पुलिस बलों को तैनात किया गया था। लेकिन कुछ दिनों बाद ही मामले को शांत समझकर गांव से पुलिस बल हटा लिया गया था।
एंबुलेंस से गिरकर महिला की मौत के बाद विपक्षी कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसने राज्य की भाजपा सरकार को “दलित विरोधी” कहा और सागर जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग की। हालांकि, भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि राज्य सरकार ने मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सिन्हा ने कहा, “खुरई पुलिस थाने के अंतर्गत दो समूहों के बीच झड़प में लगी चोटों से उनकी (चाचा) मौत हो गई।”
हालांकि, मृतक के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरोपी महिला के चाचा पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहे थे। मृतक महिला के एक अन्य भाई ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि “हम पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन हमने केस वापस नहीं लिया। हमारे भाई को मार दिया गया और हम उसे जाने नहीं दे सकते थे… फिर उन्होंने शनिवार को हमारे चाचा को मार डाला। मेरी बहन और चाचा के माता-पिता एम्बुलेंस में शव लेकर सागर से निकले थे, तभी वह वैन से गिर गई। ”
महिला के परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस का दरवाजा खुला रह जाने के कारण उसकी मौत हो गयी।
भाई ने कहा कि “एम्बुलेंस के अंदर बैठी वह (पीड़िता) सड़क दुर्घटना में कैसे मर गई? ऐसा कुछ भी नहीं था जिससे लगे कि वह कभी खुद को मार डालेगी। एम्बुलेंस ने असामान्य रास्ता क्यों अपनाया? हम पर लगातार छेड़छाड़ का केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। इस मुद्दे पर हमारे चाचा की हत्या कर दी गई।”
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को मृतक महिला के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि “प्रशासन ने उसे सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, क्या उन्होंने उसे नौकरी दी? उन्होंने कुछ अन्य वादे भी किए, जैसे (आरोपियों के) घर गिरा देना, क्या उन्होंने तोड़ दिया… मैं किसी के घर पर बुलडोजर चलाने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन आप कार्रवाई के नाम पर कई लोगों के घर गिरा देते हैं।”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को महिला की मौत पर मोदी सरकार पर निशाना साधा। एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में प्रियंका ने कहा, ”मध्य प्रदेश में एक दलित बहन के साथ हुई यह घटना दिल दहला देने वाली है। बीजेपी के लोग संविधान के पीछे पड़े हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि देश की महिलाएं, दलित, आदिवासी और पिछड़े सम्मान से जिएं और न ही उनकी शिकायतें कहीं सुनी जाएं।”
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि चाचा पर पांच लोगों ने हमला किया, जो उन पर पुराने मामले में समझौते के लिए दबाव डाल रहे थे।
“मुख्यमंत्री मोहन यादव, जिनके पास गृह विभाग भी है, के तहत राज्य में कानून और व्यवस्था खराब हो गई है। यह संकट सिर्फ सागर में ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर जिले में है। कांग्रेस नेता ने कहा, ”कानून व्यवस्था मजाक बन गई है, जिससे अपराधियों के हौसले बढ़ रहे हैं और सरकार चुप है।”
(जनचौक की रिपोर्ट)
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