लोकरंग महोत्सव की पहली शाम: गीत व नृत्य में दिखी विलुप्त हो रही भारतीय साझा संस्कृति 

कुशीनगर। सांस्कृतिक भड़ैती व फूहड़फन के खिलाफ जनसंस्कृति को स्थापति करने के संकल्प के साथ 15 अप्रैल को कुशीनगर के…

समुद्र, आकाश और मिट्टी की आवाज़ थे पॉल रॉबसन

इंदौर। पिछली सदी के महान गायक और नागरिक अधिकारों के योद्धा पॉल रॉबसन की 125वीं जयंती के मौके पर भारतीय…

जयंती पर विशेष: ‘हरिऔध’, जिन्होंने रचा खड़ी बोली का पहला महाकाव्य

कोई पूछे कि खड़ी बोली में रचा गया हिन्दी का पहला महाकाव्य कौन-सा है, तो हिंदी साहित्य के सामान्य जानकार…

जन्मदिन पर विशेष: सफ़दर का रंगकर्म जनता को जागरूक करने का जरिया था

12 अप्रैल, कलाकार और रंग निर्देशक सफ़दर हाशमी का जन्मदिन, हर साल ‘राष्ट्रीय नुक्कड़ नाटक दिवस’ के तौर पर मनाया…

प्रगतिशील लेखक संघ: सामाजिक बदलाव का क्षण साहित्य की निगाहों से चूकना नहीं चाहिए

इंदौर। प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना की 87वीं वर्षगांठ एवं हरिशंकर परसाई की जन्म शताब्दी के अवसर पर प्रलेस की…

राहुल सांकृत्यायन की रचनाओं में मिलती है विश्व दर्शन की झलक

9 अप्रैल 1893 में उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित संगीत और साहित्य की संस्कार भूमि आजमगढ़ के पन्दहा…

प्रगतिशील लेखक संघ का स्थापना दिवस: फ़ासिज़्म के ख़िलाफ़ फिर बनाना होगा जनमोर्चा

9 अप्रैल, प्रगतिशील लेखक संघ का स्थापना दिवस है। साल 1936 में इसी तारीख को लखनऊ के मशहूर ‘रिफ़ाह-ए-‘आम’ क्लब…

क्यों पिछड़ गयी हिमाचल की हिंदी कविता?

हिमाचल प्रदेश में लगभग 35 सालों से लगातार छप रही सरकारी हिंदी त्रैमासिक पत्रिका ‘विपाशा’ की साहित्यक हलकों में ठीक-ठाक…

भारतीय साहित्य सिद्धांत और नए विमर्श: हिंदी साहित्य पर पश्चिमी प्रभाव और देशज प्रतिमान

नई दिल्ली। ‘हिंदी साहित्य पर पश्चिमी प्रभाव और देशज प्रतिमान’ विषय पर दो दिवसीय विचार गोष्ठी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल…

पुन्नी सिंह का साहित्य प्रेमचंद की परंपरा को आगे बढ़ाता है- वीरेन्द्र यादव

शिकोहाबाद। उत्तर प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ की शिकोहाबाद इकाई ने वरिष्ठ कथाकार पुन्नी सिंह के नये उपन्यास ‘साज कलाई का,…