झारखंड: पलामू के पांकी में सांप्रदायिक हिंसा,19 फरवरी तक इंटरनेट पर रोक

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झारखंड के पलामू जिले के पांकी मे सांप्रदायिक हिंसा हुई और इसी के मद्देनजर गृह विभाग ने सभी टेलीकाम कंपनियों को 19 फरवरी तक इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया है।

पलामू जिले के पांकी में उस वक्त दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा तब भड़क उठी जब 15 फरवरी की सुबह मस्जिद के सामने महाशिवरात्रि का तोरण द्वार बनाने के लिए बांस गाड़ने का काम शुरू हुआ।

मस्जिद के सामने तोरणद्वार के निर्माण को लेकर मुस्लिम समाज के लोगों ने आपत्ति जताई और कहा कि जानबूझ कर एक समुदाय के लोग हमारी धार्मिक भावनाओं पर हमला कर रहे हैं।

इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से कहा-सुनी ने तूल पकड़ा और बात बढ़ती हुई झड़प में तब्दील हो गई। इसी बीच एक समुदाय के किसी व्यक्त्ति का सर फूट गया और आनन-फानन में दोनों समुदायों के बीच हिंसा बढ़ती चली गई।

सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस पहुंची लेकिन तब-तक देर हो चुकी थी। दोनों तरफ से पत्थरबाजी,मारपीट और आगजनी की घटना में एक मकान, दो बाइक और एक दुकान को आग के हवाले किया जा चुका था। इस घटना में किसी की जान तो नही गई किंतु डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। पुलिस के आने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ और इस दौरान पुलिस कर्मियों को भी चोटें आईं।  

बिगड़ते माहौल को देखते हुए एसडीएम राजेश साह ने पांकी थाना क्षेत्र में धारा-144 लागू कर दिया औऱ बड़ी मुश्किल से हालात पर काबू किया।

इलाके में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने पलामू जिले में अस्थायी तौर पर इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश टेलीकाम कंपनियों को दिया था। इंटरनेट सेवा 15 फरवरी की शाम चार बजे से 16 फरवरी की शाम 4 बजे तक बंद रखी गई।  

पांकी में 17 फरवरी को जुमे की नमाज है इस दौरान मस्जिदों में काफी भीड़ जुटती है। इसके अगले ही दिन 18 को महाशिवरात्रि है। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस दौरान 17,18 फरवरी को सड़कों पर बड़ी संख्या में दोनों समुदाय के लोगों के जमावड़े के कारण संभावित हिंसा की आशंका को देखते हुए पलामू जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर इंटरनेट सेवा स्थगित करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। पलामू के उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने बताया कि 19 फरवरी की सुबह दस बजे तक इंटरनेट सेवा स्थगित रहेगी।

पांकी में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने दोनों समुदायों के 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि लगभग 100 लोगों पर नामजद और 1000 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है। वीडियो और फोटो के आधार पर पुलिस का छापामारी का अभियान भी जारी है।

घटना के बाद पांकी-मेदिनीनगर मार्ग पर आवागमन बंद हो गया है। इससे सड़क पर जाम की स्थिति बनी हुई है। पांकी में घटनास्थल के साथ-साथ आसपास के इलाके के दुकानों को भी एहतियात के तौर पर प्रशासन ने बंद करा दिया गया है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।

पांकी का यह इलाका हमेशा से संवेदनशील रहा है। यहां पहले भी इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। साफ है कि प्रशासन लापरवाही बरत रहा था कुछ लोगों का कहना था कि प्रशासन जानबूझकर लापरवाही बरत रहा था जब कि उन्हें इस बात की जानकारी कैसे नहीं थी कि 17 को जुम्मे की नमाज और 18 को महाशिवरात्रि है और उसी जगह पर मस्जिद के सामने ही तोरणद्वार बनाया जा रहा है।

मामला चाहे जो भी हो फिलहाल प्रशासन पूरे इलाके में चौकसी बरत रहा है और अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। पलामू के उपायुक्त ए दोड्डे ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि पांकी में जो भी हुआ है, उस पर प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है और स्थिति पर प्रशासन का पूरी तरह से नियंत्रण है। उन्होंने कहा की पुलिस और प्रशासन को अपना काम करने दें और शांति बनाये रखें।

स्थिति पर नियंत्रण के लिए सोशल मीडिया पर भी पुलिस की नजर बनी हुई है। भड़काऊ पोस्ट करने से बचने की सलाह दी गई है। गलत जानकारी साझा करने से भी मना किया गया है इसके लिए पुलिस आईटी सेल के पदाधिकारी व जवान लगातार सोशल मीडिया पर नजर रख रहे हैं।

(विशद कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं और झारखंड में रहते हैं।)

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