नई दिल्ली। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में कांग्रेस शामिल नहीं होगी। कांग्रेस ने मंदिर के उद्घाटन को भाजपा और आरएसएस का राजनीतिक परियोजना बताया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक वक्तव्य जारी किया है और उसे एक्स पर भी पोस्ट किया है। जिसमें कहा गया है कि ”भगवान राम की पूजा अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है। स्पष्ट है कि अर्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।“
मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए कई शीर्ष राजनेताओं, एथलीटों और मशहूर हस्तियों को आमंत्रित किया गया था। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी निमंत्रण भेजा गया था। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विपक्ष के दूसरे नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू यादव और सीताराम येचुरी शामिल हैं।
इससे पहले ये कयास लगाये जा रहे थे कि कांग्रेस राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हो सकती है। खुद सोनिया गांधी ने भी मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की इच्छा जताई थी। लेकिन आज पार्टी ने इसे बीजेपी का चुनावी लाभ पाने के लिए उठाया जाने वाला कदम बताकर समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)
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