जनचेतना यात्रा के तहत पटना में कन्वेंशन: व्यापक जन-गोलबंदी से सशक्त प्रतिरोध का आह्वान

पटना: जनचेतना यात्रा के तहत पटना के गांधी संग्रहालय में विभिन्न जनवादी, प्रगतिशील एवं क्रांतिकारी संगठनों द्वारा 13 दिसंबर को फासीवादी और नव उदारवादी हमले के खिलाफ एक कन्वेंशन का आयोजन किया गया। एक बहुत ही गम्भीर एवं उत्साहवर्धक माहौल में कन्वेंशन की समाप्ति के बाद गांधी संग्रहालय के मुख्य द्वार से भगत सिंह चौक (गांधी मैदान) तक जोरदार मार्च निकाला गया।

उल्लेखनीय है कि विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर कोलकाता से 6 दिसम्बर, 2023 को जन चेतना यात्रा की शुरुआत की, जो पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए 13 दिसंबर को पटना पहुंची। पटना में आयोजित कन्वेंशन के बाद 14 दिसम्बर, 2023 को शहीद स्मारक पर शहीदों को माल्यार्पण करने के बाद जन चेतना यात्रा बिहार के गया जिले में प्रस्थान कर गई।

कन्वेंशन की शुरुआत में जयप्रकाश ललन ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए अध्यक्ष मंडल का प्रस्ताव रखा। कन्वेंशन का संचालन 5 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया जिसमें सीपीआई (एमएल) के नन्द किशोर सिंह, कम्युनिस्ट सेन्टर ऑफ इंडिया के पार्थ सरकार, फारवर्ड ब्लाक (क्रांतिकारी) के बालगोविंद सिंह, बिहार निर्माण व असंगठित श्रमिक यूनियन के राश बिहारी चौधरी और जनवादी लोक मंच के शारदा प्रसाद शामिल थे।

कन्वेंशन में वक्ताओं ने फासीवाद और नव उदारवाद के हमले के खिलाफ व्यापक जनता को गोलबंद कर उसका सशक्त प्रतिरोध करने पर जोर दिया। जन चेतना यात्रा में शामिल संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्पष्टता से कहा कि हमारी यात्रा आरएसएस-बीजेपी के बढ़ते फासीवादी हमलों, जनतांत्रिक अधिकारों पर बढ़ते हमले, आम जनता पर किये जा रहे उदारीकरण-निजीकरण-भूमंडलीकरण के हमले, धर्म और जाति के नाम पर नफरत एवं हिंसा फैलाने तथा आम जनता पर हो रहे हर तरह के शोषण, उत्पीड़न एवं दमन के खिलाफ और जनतंत्र, स्वतंत्रता, समानता और प्रगति के लिए आयोजित की गई है।

एक बहुत ही गम्भीर एवं उत्साहवर्धक माहौल में कन्वेंशन में प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। कन्वेंशन में 160 से अधिक नेताओं-कार्यकर्ताओं की भागीदारी हुई जिसमें 50 से ज्यादा नेता पश्चिम बंगाल के थे। अंत में अध्यक्ष मंडल की ओर से नन्द किशोर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन देकर कन्वेंशन के समाप्ति की घोषणा की। कन्वेंशन की समाप्ति के बाद गांधी संग्रहालय के मुख्य द्वार से एक मार्च का आयोजन किया गया जो भगत सिंह चौक (गांधी मैदान) तक गया और उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया।

इस यात्रा के आयोजकों में अखिल हिन्दू फारवर्ड ब्लाक (क्रांतिकारी), बिहार निर्माण व असंगठित श्रमिक यूनियन, कम्युनिस्ट सेन्टर ऑफ इंडिया, सीपीआई (एमएल), सीपीआई (एमएल) न्यू डेमोक्रेसी, सीपीआई (एमएल) न्यू इनिसियेटिव, नागरिक अधिकार रक्षा मंच, जनवादी लोक मंच, मजदूर क्रांति परिषद, फेमिनिस्ट इन रेजिस्टेंस, श्रमजीवी नारी मंच, सीपीआई (एमएल) पीसीसी, आजाद गण मोर्चा, चाय बागान संग्राम समिति, मार्क्सवादी समन्वय समिति, पीडीएसएफ, फासिस्ट आरएसएस-भाजपा के ख़िलाफ़ बंगाल, एसडब्ल्यूसीसी और कुछ जनवादी नागरिक शामिल हैं।

आयोजकों की ओर से आलेख की प्रस्तुति पार्थ सरकार ने की। कन्वेंशन को भाकपा (माले) लिबरेशन के नेता उमेश सिंह, सीपीआई (एमएल) एनडी के नेता रामचन्द्र सिंह, सीपीआई (एमएल) न्यू इनिसियेटिव के नेता अलिक चक्रवर्ती, कम्युनिस्ट सेन्टर ऑफ इंडिया के नेता सतीश कुमार, सीपीआई (एमएल) के नेता अरविन्द सिन्हा, फारवर्ड ब्लाक (क्रांतिकारी) के नेता रामचन्द्र आजाद और समता सद्भावना पार्टी के नेता चक्रवर्ती अशोक प्रियदर्शी ने सम्बोधित किया।

जनवादी लोक मंच के नेता साथी बलदेव झा, मजदूर क्रांति परिषद के नेता कुशल देवनाथ, श्रमजीवी नारी मंच की नेता प्रियस्मिता, बिहार निर्माण व असंगठित श्रमिक यूनियन के नेता नरेन्द्र कुमार, नागरिक अधिकार रक्षा मंच के नेता रामनन्दन प्रसाद, फेमिनिस्ट इन रेजिस्टेंस की नेता निशा विश्वास, सर्वहारा जन मोर्चा के नेता मंटू कुमार, फिलहाल पत्रिका की सम्पादक प्रीति सिन्हा, बिहार राइट टू एजुकेशन फोरम के नेता अनिल कुमार राय, एनएपीएम के नेता आशीष रंजन और सिटीजंस फोरम (पटना) के संयोजक अनीश अंकुर ने भी कन्वेंशन को संबोधित किया।

कन्वेंशन के दौरान लाली गुरास टीम के साथ शाम्भवी और आदित्य कमल ने क्रांतिकारी गीत की प्रस्तुति दी।

(स्वदेश कुमार सिन्हा की रिपोर्ट।)

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