नई दिल्ली। महाराष्ट्र के नांदेड़ से एक दिल दहला देने वाली खबर है। नांदेड़ के डॉ. शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दवाओं की कमी के कारण 31 मरीजों की मौत हो गई है। मरने वालों में 12 बच्चे भी शामिल हैं। अस्पताल में पिछले 24 घंटे में 24 मरीजों की मौत हो गई थी जिसमें 12 नवजात बच्चे थे। इन मौतों के एक दिन बाद, 7 और मौतें हुई हैं।
नांदेड़ जिला सूचना कार्यालय (डीआईओ) ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “डॉ शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मरीजों की मौत से संबंधित तथ्य इस प्रकार हैं: 30 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 24 मौतें, 1 और 2 अक्टूबर के बीच में सात मौतें।” पोस्ट में कहा गया, “कृपया घबराएं नहीं। डॉक्टरों की टीम तैयार है।” मरने वालों की संख्या पर अपडेट महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी साझा किया।
शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि मौतें दवाओं की कमी के कारण हुई हैं। अस्पताल के डीन ने बताया कि मरने वाले 12 बच्चों में छह लड़कियां और छह लड़के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जिन 12 वयस्कों की मौत हुई, उनकी मौत सांप के काटने सहित अलग-अलग बीमारियों के कारण हुईं।
उन्होंने बताया कि अस्पताल केवल एक “तृतीयक स्तर का देखभाल केंद्र” है, लेकिन मरीज अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं क्योंकि 70-80 किमी के दायरे में यही एकमात्र स्वास्थ्य देखभाल केंद्र है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या कभी-कभी संस्थान के बजट से अधिक हो जाती है और इसीलिए दवाओं की कमी होती है।
हालांकि, अस्पताल ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि दवा की कोई कमी नहीं है और मरीज़ ठीक होने की कगार पर हैं। महाराष्ट्र कैबिनेट आज बैठक में नांदेड़ अस्पताल में हुई मौतों पर चर्चा करेगी। महाराष्ट्र सरकार के एक अधिकारी के मुताबिक, कैबिनेट इस घटना पर एक जांच समिति बनाने का फैसला कर सकती है।
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