‘सुदर्शन न्यूज़’ की पीठ पर दिल्ली हाईकोर्ट का डंडा, नफ़रती कार्यक्रम के प्रसारण पर लगाई रोक

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खुलकर हिन्दू पत्रकारिता के नाम पर साम्प्रदायिकता कर रहे सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाणके को शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सुरेश चव्हाण के 28 अगस्त से रात 8 बजे ‘नौकरशाही जिहाद’ नाम से एक कार्यक्रम का प्रसारण करने वाले थे लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इसके प्रसारण पर रोक लगा दी है। जस्टिस नवीन चावला ने यह आदेश दिया है। इसे लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की  थी। 

याचिकाकर्ताओं ने सुदर्शन न्यूज पर “बिंदास बोल” नामक कार्यक्रम के प्रस्तावित प्रसारण को प्रतिबंधित करने की मांग की थी, जिसे आज रात 8 बजे प्रसारित किया जाना है, जिसमें कथित तौर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया, इसके पूर्व छात्रों और मु‌स्लिम कम्युनिटी के खिलाफ नफरत फैलाने, हमला करने और उकसाने वाली सामग्री शामिल है।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, उन्होंने पत्रकार सुरेश चव्हाणके के शो का ट्रेलर देखा है, और यह आरोप लगाया है कि चव्हाणके जामिया मिल्लिया इस्लामिया और मुस्लिम समुदाय के छात्रों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया है और मानहानि की है। कथित तौर पर, शो में दावा किया गया है कि सिविल सेवा परीक्षा 2020 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों की सफलता “मुसलमानों द्वारा सिविल सेवा में घुसपैठ करने की साजिश” का प्रतिनिधित्व करती है। 

यह आरोप लगाया गया है कि चव्हाणके ने “खुलकर ल‌क्षित गैर-मुस्लिम दर्शकों को उकसाया है कि “जामिया मिल्लिया इस्लामिया के जिहादी या आतंकवादी जल्द ही कलेक्टर और सेक्रेटरी जैसे शक्तिशाली पदों पर आसीन होंगे।” यह कहा गया है कि ट्रेलर के साथ प्रस्तावित प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम के तहत निर्धारित प्रोग्राम कोड का उल्लंघन करता है, जिसे केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम 1994 के साथ पढ़ा जाता है। प्रस्तावित प्रसारण और ट्रेलर में अभद्र भाषा और आपराधिक मानहानि भी होती है और यह भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (1), 153बी(1), 295ए और 499 के तहत अपराध है।।

लगातार तीन दिनों से सुरेश चव्हाणके का एक वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की घुसपैठ का आरोप लगाते हुए इसे नौकरशाही जिहाद का नाम दे रहे हैं। यही नहीं जिस ट्वीट में उन्होंने यह वीडियो जारी किया है, उसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को भी टैग किया है।

सुरेश चव्हाणके के इस वीडियो पर सामाजिक कार्यकर्ताओं से लेकर आईपीएस एसोसिएशन, आईपीएस अफ़सरों और आईएएस अधिकारियों ने आपत्ति की है और इसे नफ़रत फैलाने वाला क़रार दिया है। दिल्ली पुलिस में तो इसकी शिकायत दी ही गई है, यूपीएससी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर सख़्त कार्रवाई करने की माँग भी की गई है। बड़ी संख्या में आईएएस और आईपीएस अधिकारी खुलकर लिख और बोल रहे हैं। अधिकतर लोगों ने सुरेश चव्हाणके की भाषा को सांप्रदायिक नफ़रत का जहर उगलने वाली भाषा क़रार दिया है।

तहसीन पूनावाला ने भी सुरेश चव्हाणके के ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस में शिकायत दी है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर पर दी। उन्होंने ट्वीट किया है कि सुदर्शन न्यूज़ टीवी पर ‘नौकरशाही में मुसलमानों की घुसपैठ’ नाम से प्रसारित होने वाला कार्यक्रम स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक है और यह मुसलिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत और हिंसा को उकसाएगा।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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