दफा 144 के बावजूद किसानों ने सरकारी आदेश को दरकिनार करते हुए शामली की महापंचायत को जनसैलाब में तब्दील कर दिया। गांव भैंसवाल में स्वामी कल्याण देव कन्या गुरुकुल में किसान महापंचायत हुई। इसमें सैकड़ों गांवों के किसान पहुंचे।
ये किसान महापंचायत भारतीय किसान यूनियन (BKU) और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के साझा आह्वान पर बुलाई गई थी और प्रशासन की सख्ती के बावजूद आयोजकों ने महापंचायत आयोजित की।
कल जिला प्रशासन ने शामली में प्रस्तावित महापंचायत की इज़ाज़त देने से मना करते हुए धारा 144 लागू कर दी थी।
जिला प्रशासन ने कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंधों का हवाला देते हुए अप्रैल तक बड़े समारोह पर लगी रोक और किसानों द्वारा ‘अनुशासनहीन व्यवहार की संभावना’ का हवाला दिया था।
महापंचायत में उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा, “गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा भाजपा की साजिश थी। उपद्रवियों को दिल्ली पुलिस मूक दर्शक बनकर देखती रही। जो आज किसानों के साथ नहीं उन्हें आगामी चुनाव में वोट नहीं देना है।”
जयंत चौधरी ने कृषि कानूनों पर कहा, “सरकार कृषि कानूनों पर अडिग है। सरकार को इतना अंहकार नहीं करना चाहिए। जब सभी लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं तो सरकार को इसको वापस ले लेना चाहिए। विधानसभा में किसानों के प्रतिनिधि कम हो गए हैं। अब फिर से विधानसभा में प्रतिनिधियों को भेजना होगा।”

वहीं महापंचायत में उमड़े जनसैलाब के आगे प्रशासन नतमस्तक नज़र आया। महापंचायत के दौरान मौके पर पुलिस की फोर्स तैनाती रही। पीएससी बल से लेकर पुलिस के अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। महापंचायत से पहले एसडीएम शामली संदीप कुमार और और सीओ थानाभवन अमित सक्सेना ने आयोजन स्थल का मुआयना किया था।
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