नई दिल्ली। किसान मोर्चा की टिकरी मोर्चा संचालन समिति ने शराब के नशे में धुत बदमाशों के एक समूह द्वारा तामकोट गांव (जिला मानसा) के किसान शिविर पर बीती रात किए गए हमले की कड़ी निंदा की है और पुलिस से हमलावरों के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज करने और उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। हमले में कैंप का एक युवक गुरविंदर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे बीती रात बहादुरगढ़ सिविल अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी ने पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया था।

बीकेयू (राजेवाल) नेता लखविंदर सिंह पीर मोहम्मद की अध्यक्षता में टिकरी मोर्चा संचालन समिति की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि हमलावरों का संभावित लक्ष्य किसान नेता रुलदू सिंह थे- जो अक्सर वहां रहते थे, लेकिन चूंकि वे पंजाब गए हुए थे, इसलिए हमले के वक्त वे वहां मौजूद नहीं थे। बयान में कहा गया है कि शक है कि इस हमले की योजना भाजपा-आरएसएस की ओर से बनाई हो सकती है, क्योंकि वह मोर्चा समर्थक ताकतों के बीच लगातार फूट डालने व निराशा बनाये जाने की साजिश चल रही है। इसके हमले के लिए रुलदू सिंह के एक भाषण को कवर के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है जिसके लिए पंजाब के 32 किसान संगठनों ने रुलदू सिंह मानसा को पहले ही 15 दिनों के लिए मोर्चा से निलंबित कर दिया था। किसान नेता रुलदू सिंह भी इस फैसले पर अमल करते हुए अपने उस बयान के लिए संबंधित सिख संगत से क्षमा मांग चुके हैं।
बयान में मोर्चे पर मौजूद सभी किसानों मजदूरों और हमदर्दों को आगाह किया गया कि किसान मोर्चे की ओर से मोदी सरकार और आरएसएस-भाजपा के खिलाफ 22 जुलाई से शुरू हुई ”किसान संसद” को देश-विदेश से अभूतपूर्व समर्थन और प्रचार मिल रहा है, इसलिए किसान अंदोलन के खिलाफ नए सिरे से षड्यंत्र और हमले साजिश शुरू हो चुकी है। मसलन भाजपा ने 21जुलाई को सिंघु सीमा पर बंद सड़क को फिर से खोलने की घोषणा के साथ पैदल मार्च करने का ऐलान किया गया था, तीन दिन बाद सिंघु मोर्चे पर किसानों के शिविरों में दो जगहों पर आग लगा दी थी और अब टिकरी मोर्चा में यह हमला हुआ है। इसलिए समिति सभी किसानों से आग्रह करती है कि वे शरारती तत्वों की ओर से हर समय सतर्क रहें, विशेष रूप से रात में बारी-बारी से पहरा दें और अंदोलन में शांति व अनुशासन बनाए रखें।
टिकरी मोर्चा संचालन समिति द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित
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