पंजाब में तोड़े गये 1411 मोबाइल टॉवर, मुख्यमंत्री ने कहा- टॉवर तोड़ने वाले किसानों को दिख रहा है अपना जीवन अंधकारमय

Estimated read time 1 min read

किसानों ने इस देश की सरकार और व्यवस्था की कमजोर नस पकड़ ली है। दशहरा पर नरेंद्र मोदी के साथ अडानी-अंबानी का पुतला फूँकने से शुरू हुआ कार्पोरेट का विरोध रिलायंस के पेट्रोल पंप और रिलायंस स्टोर के घेराव से होते हुए जीयो सिम पोर्ट कराने और अब जीयो के टॉवर तोड़ने तक पहुंच चुका है। मीडिया रपटों के मुताबिक अकेले पंजाब में किसान आंदोलन के बीच अब तक कुल 1,411 टावर तोड़े जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 176 से अधिक दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया। जबकि 26 दिसंबर को 24 घंटे में 151 टॉवर तोड़े गये थे। पंजाब में विभिन्न स्थानों पर जिन टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है उसमें से अधिकांश जीयो के टावर हैं।

पंजाब में जीयो के टॉवर तोड़े जाने से एक ओर जहां दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा है वहीं सरकार और कार्पोरेट भी सन्न हैं।

बता दें कि 25 दिसंबर को किसान आंदोलन का एक महीना पूरा हो चुका है। इस बीच, सरकार की ओर से किसान संगठनों के नेताओं से 6 दौर की वार्ता हुई है लेकिन नतीजा सिफ़र रहा है। क्योंकि मोदी सरकार का अब भी यही मानना है कि नये कृषि क़ानून किसानों के हित में हैं और आंदोलन कर रहे किसान भ्रमित हैं।

नतीजन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दूसरे महीने की शुरूआत होते ही अब तोड़-फोड़ शुरू हो गयी है। कृषि क्षेत्र में अपने पैर पसारने को भूखे बैठे अंबानी और अडानी और उनकी सहायतार्थ बनाये गये नये कृषि क़ानून के विरोध में पंजाब की कई जगहों पर रिलायंस जियो के टावर को नुकसान पहुंचाया गया जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा है। परिचालकों को पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं होने के कारण सेवाओं को बहाल करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। 

विभिन्न किसान नेताओं ने खुद आंदोलनकारियों से अपील की थी कि वे मोबाइल टावरों से बिजली न काटें।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन की अपील

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जीयो टॉवर तोड़े जाने की घटनाओं के बीच शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों से अपील करते हुए कहा था कि –“जिस संयम के साथ वे आंदोलन करते आए हैं, उसे बरकरार रखें। कोविड महामारी के बीच दूरसंचार संपर्क व्यवस्था महत्वपूर्ण है इसे क्षति न पहुँचाये।”

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि –“कुछ स्थानों पर यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि किसान क्रोध में ये कदम उठा रहे हैं, जिन्हें आगे अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा है।”
उन्होंने किसानों से आंदोलन के दौरान उसी तरह का अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाने को कहा जिसे वह दिल्ली सीमा पर और पूर्व के विरोध-प्रदर्शन में दिखाते आए हैं। 
मुख्यमंत्री ने यह अपील टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) के आग्रह के बाद किया था। बता दें कि दूरसंचार बुनियादी ढांचा प्रदाताओं के इस पंजीकृत संघ ने राज्य सरकार से किसानों को अपनी न्याय की लड़ाई में किसी भी गैरकानूनी गतिविधि का सहारा नहीं लेने को लेकर अनुरोध करने का मुख्यमंत्री से आग्रह किया था।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author