पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए बीजेपी पर करारा वार किया है। मौका ईद का था। जब ममता शहर के रेड रोड पर ईद की नमाज के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग नफरत की राजनीति कर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी जान दे देंगी लेकिन ‘देश को बंटने नहीं होने देंगी।’
उन्होंने सबसे एकजुट होने और यह तय करने का आग्रह किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार हो। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि, ‘कुछ लोग देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं और नफरत की राजनीति कर रहे हैं। मैं अपनी जान देने को तैयार हूं, लेकिन देश का बंटवारा नहीं होने दूंगी।’
ममता ने भगवा खेमे पर देश के संविधान को बदलने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि वह पश्चिम बंगाल में नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) को लागू नहीं होने देंगी। टीएमसी को कभी भी एनआरसी और सीएए की जरूरत महसूस नहीं हुई। बनर्जी ने कहा, ‘मैं धन बल और (केंद्रीय) एजेंसियों से लड़ने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं अपना सिर नहीं झुकाऊंगी।’ कार्यक्रम में उनके साथ उनके भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे।
ममता ने कहा कि ‘लोकसभा चुनाव यह तय करेगा कि सत्ता में कौन आएगा। आइए हम वादा करें कि हम बांटने की ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे। अगर हम लोकतंत्र की रक्षा करने में नाकाम रहे तो सब कुछ खत्म हो जाएगा।’
पश्चिम बंगाल में रामनवमी समारोह के दौरान सांप्रदायिक तनाव के बारे में, बनर्जी ने कहा कि वह केवल शांति चाहती हैं और राज्य में दंगे नहीं चाहती हैं। पश्चिम बंगाल के हुगली और हावड़ा में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी।
बनर्जी ने दावा किया कि कुछ लोग ‘अल्पसंख्यक वोटों को बांटने’ की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘कुछ लोग भाजपा से पैसा ले रहे हैं और कह रहे हैं कि वे अल्पसंख्यक वोटों को बांट देंगे। मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि वे भाजपा के लिए मुस्लिम वोटों को नहीं बांट सकते हैं। हम सभी उन्हें हराने के लिए एकजुट होंगे।’
ममता ने बिलकिस बानो केस का भी जिक्र करते हुए कहा कि मामले में सभी को रिहा कर दिया गया है, लेकिन ‘हम इसका मुकाबला करेंगे।’ बिलकेस मामले में सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने छूट दे दी थी और पिछले साल 15 अगस्त को उन्हें समय से पहले रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की गईं।
वहीं भाजपा ने भी ममता के बयान पर पलटवार किया है। ममता के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री एक धार्मिक आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही हैं। ‘यह अकल्पनीय है कि एक लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री अपने राजनीतिक हितों के लिए एक धार्मिक आयोजन का इस्तेमाल कर रही है। हम ऐसी बांटनेवाली और संकीर्ण राजनीति की निंदा करते हैं।’
( कुमुद प्रसाद जनचौक में सब एडिटर हैं।)
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