भारत ने किया है इजरायल को हथियारों की सप्लाई

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नई दिल्ली। भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत डैनियल कारमन ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है इजरायल-फिलीस्तीन यु्द्ध के दौरान भारत ने इजरायल को हथियारों की सप्लाई की है। इजरायल के लीडिंग प्रकाशन वाईनेटन्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत इजरायल को शायद इसलिए हथियारों की सप्लाई कर रहा है क्योंकि कारगिल युद्ध के समय इजरायल ने भारत की सहायता की थी। इजरायली राजनयिक का यह बयान उस समय आया है जब इस बात की आशंका जाहिर की जा रही है कि भारत ने इजरायल को ड्रोन और तोप के गोले सप्लाई किए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि इजरायल के पास हमास के खिलाफ लड़ाई में इसकी कमी पड़ गयी थी।

प्रकाशन को दिए साक्षात्कार में कारमन ने कहा कि भारतीय हमेशा हमें याद दिलाते रहे हैं कि कारगिल युद्ध के समय इजरायल वहां मौजूद था। इजरायल उन बहुत कम देशों में था जो उस समय भारत के साथ खड़े हुए और उसे हथियारों की सप्लाई की थी। भारतीय इसको नहीं भूलते और शायद उसी के बदले यह सहयोग किया जा रहा हो।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में स्पेन ने हथियारों से भरे पानी के जहाज डैनिका को कार्टागना बंदरगाह पर रोक दिया था। क्योंकि यह इजरायल के लिए 27 टन हथियार ले जा रहा था।

न्यूज आउटलेट ने बताया कि यह घटना उस तथ्य को प्रकाश में ले आती है जब भारत 7 अक्तूबर के बाद से इजरायल को उल्लेखनीय सैन्य सहायता देता रहा है।

इसके पहले फरवरी में यह बात सामने आयी थी जब कहा गया था कि नई दिल्ली हैदराबाद में बने 900 हर्म्स ड्रोन को इजरायल को सप्लाई किया गया है। हैदराबाद स्थित इस फैक्टरी को भारतीय सैन्य फोर्सेस की जरूरतों के लिए बनाया गया था लेकिन इसकी 20 यूनिट इजरायल के लिए लगा दी गयी। जो उसके लिए गाजा पट्टी की लड़ाई में कम पड़ रहे थे। 

हैदराबाद फैक्टरी इजरायल की एलबिट सिस्टम और भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी समूह के बीच का संयुक्त उपक्रम है। ynetnews.com के मुताबिक इजरायल को ड्रोन सप्लाई का फैसला भारत में सर्वोच्च अधिकारियों के स्तर पर लिया गया है क्योंकि इजरायल भारत को हथियारों की सप्लाई करने वाले प्रमुख देशों में से एक है।

इस खबर को ईरान की न्यूज एजेंसी इरना ने उठा लिया है। और उसने इसे अपने देश में खूब प्रचारित किया है।

जहां तक भारत की बता रही है तो उसने न तो इसकी पुष्टि की है और न ही खारिज किया है। हालांकि उसकी डिप्लोमैटिक स्थिति अभी भी यही है कि मामले का शांति पूर्ण ढंग से समाधान होना चाहिए। इसके साथ ही वह फिलिस्तीनी स्टेट का भी समर्थक है।  

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